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Coronavirus: वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, संक्रमण के लक्षण दिखने से पहले चलेगा मरीज का पता

कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक 10 लाख से अधिक लोग संक्रमित इस जानलेवा बीमारी से अब तक 60 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई

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Coronavirus: वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, संक्रमण के लक्षण से पहले चलेगा मरीज का पता

Coronavirus: वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, संक्रमण के लक्षण से पहले चलेगा मरीज का पता

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है। इस जानलेवा बीमारी से दुनिया भर में अब तक 10 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 60 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

कोरोना वायरस संक्रमण ( Coronavirus Infection ) के फैलने का एक कारण यह भी है कि इसका अभी तक इलाज न मिल पाया है। हालांकि भारत समेत तमाम देश कोरोना की वैक्सीन ( Corona vaccine ) बनाने के प्रयास में जुटे हैं।

लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। दरअसल, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से निपटने के लिए एक खास टेस्ट का अविष्कार किया है।

इस टेस्ट के तहर कोरोना वायरस के लक्षण ( Symptoms of coronavirus ) से पहले ही इसके मरीज का पता लगाया जा सकता है।

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ब्रिटिश न्यूज पेपर द टेलीग्राफ में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार यहां न्यू कासल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने इस बेहद आसान फार्मूले को डेवेलेप किया है।

दरअसल, सामान्यत: कोरोना संक्रमण होने के बाद किसी भी व्यक्ति में उसके लक्षण दिखने में 2 से 14 दिन तक का समय लग जाता है।

लेकिन अब इस टेस्ट के माध्यम से लक्षण दिखने से पहले ही व्यक्ति में कोरोना संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।

असल में यह टेस्ट बिल्कुल प्रेगनेंसी किट की तरह काम करता है, जो घर पर ही किया जा सकता है। इस टेस्ट के लिए ब्लड, सलाइवा और यूरिन का प्रयोग किया जाता है।

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रिपोर्ट के अनुसार हालांकि इस टेस्ट में अभी तक सौ प्रतिशत प्रमाणिकता नहीं आ सकी है, लेकिन इससे संक्रमित लोगों को अलर्ट जरूर किया जा सकता है।

टेस्ट से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि क्या कोरेाना संक्रमण की वजह से इंसान के इम्यून सिस्टम पर कोई फर्क पड़ रहा है या नहीं।

यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कॉलिन सेल्फ ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से निपटने के लिए यह टेस्ट कारगर साबित होगा।

इसके साथ ही इसके इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों की संख्या भी काफी हद तक कंट्रोल की जा सकेगी।

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