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अफगानिस्तान में तालिबान का प्रभाव बढ़ा, काबुल से सिर्फ 11 किलोमीटर दूर, सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लिया

आशंका जताई जा रही है कि या तो देश में जल्दी ही गृहयुद्ध छिड़ सकता है अथवा तालिबान पूरी तरह से अफगानिस्तान पर अपना अधिकार कर लेगा।

Aug 15, 2021 / 03:13 pm

सुनील शर्मा

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान सरकार पर बढ़ते संकट के बीच तालिबान लड़ाके काबुल के नजदीक पहुंच चुके हैं। उन्होंने विस्फोटक लगा कर राजधानी की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई को बाधित कर दिया है जिसके पूरे काबुल में ब्लैकआउट हो गया है। इस संबंध में कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनमें दिखाई दे रहा है कि पूरा काबुल अंधेरे में डूबा हुआ है।
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तालिबान ने आज सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी करते हुए कहा है कि उसके लड़ाकों ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया है तथा काबुल का देश के पूर्वी हिस्से से संपर्क टूट चुका है। इस समय काबुल को छोड़कर अफगानिस्तान के लगभग सभी बड़े शहरों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। देश के केवल पूर्वी और मध्य हिस्से ही सरकार के नियंत्रण में रह गए हैं। अमरीका द्वारा अफगानिस्तान से निकलने की घोषणा के बाद से तालिबान का देश में प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। देश के 34 प्रांतों में से 24 पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। तालिबान लड़ाकों ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर अपना अधिकार जमा लिया है। इनमें से कई प्रांतों में बिना लड़े ही राष्ट्रीय सेना ने हार मान ली है।
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बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सेना की कोर द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने के बाद सरकार समर्थक मिलिशिया व अन्य सुरक्षा बलों का मनोबल टूट चुका है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि या तो देश में जल्दी ही गृहयुद्ध छि़ड़ सकता है अथवा तालिबान पूरी तरह से अफगानिस्तान पर अपना अधिकार कर लेगा। अफगानिस्तान के लोगार से सांसद होमा अहमदी ने बताया कि तालिबान काबुल के दक्षिण में मात्र 11 किलोमीटर की दूरी पर है और उसने वहां पर प्रांतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है।
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अमरीका भेजेगा अपने सैनिक
अफगानिस्तान में अमरीकी दूतावास को खाली करने में मदद करने के लिए अमरीका की मेरिन बटालियन के 3000 सैनिकों का दस्ता भी अफगानिस्तान में पहुंच चुका है। एक हजार अमरीकी जवान पहले से देश में हैं तथा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को एक हजार और जवानों की तैनाती का भी निर्देश दिया है। इस तरह अफगानिस्तान में अमरीकी बलों की कुल संख्या 5000 हो गई है।
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर विचार करने के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस भी हुई जिसमें अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन तथा कमला हैरिस के अलावा विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, ज्वाइंट चीफ्स के अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल हुए। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को अफगान राष्ट्रपति तथा अन्य अफगान नेताओं की मदद करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने तालिबान प्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अफगानिस्तान में अमरीकी कर्मियों या अभियान को तालिबान ने किसी भी तरह खतरे में डाला तो अमरीकी सरकार इसका त्वरित एवं मजबूत जवाब देगी।
अफगान शरणार्थियों को शरण देगी कनाडा सरकार
कनाडा सरकार ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों के बीच देश से पलायन कर रहे सिखों और हिंदुओं सहित 20,000 संवेदनशील अफगानों को स्थाई रूप से शरण देगी।

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