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इस वजह से भाजपा मेयर और नगर आयुक्त में ठनी,टल गयी बोर्ड बैठक

मतभेद का कारण निरस्त टेंडर की बहाली है जो कि नगर आयुक्त द्वारा रोक लगाने के बाद उत्पन्न हुई।

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मुरादाबाद: नगर निगम में घोटाला को नई बात नही। इन्ही घोटालों को लेकर इस समय मेयर विनोद अग्रवाल और नगर आयुक्त अवनीश कुमार शर्मा के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से मुरादाबाद नगर निगम की आज होने वाली बोर्ड बैठक भी स्थगित कर दी गई है। यहां बता दे कि सारे मतभेद का कारण निरस्त टेंडर की बहाली है जो कि नगर आयुक्त द्वारा रोक लगाने के बाद उत्पन्न हुई। जिसे नगर आयुक्त की गैर मौजूदगी में मेयर ने अपर नगर आयुक्त से पास करवा दिए थे। मंगलवार को छुट्टी से लौटते ही नगर आयुक्त ने इस पर ऐतराज जताया और कहा की मेयर को वित्तीय अधिकारी नहीं हैं। यही नहीं महज कुछ घंटो में चार सौं फाइलों का ओके हो जाने पर हैरत जताई।

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नगर आयुक्त की छुट्टी पर पास करवा लिए टेंडर

दरअसल मुरादाबाद नगर निगम के मेयर और नगर आयुक्त में मतभेद बढ़ते चले जा रहे है। दोनों में टकराव की वजह निरस्त टेंडरों की बहाली है। नगर आयुक्त ने छुट्टी पर जाने से पहले 33 कामो के टेंडरों को निरस्त कर दोबारा करने के निर्देश दिए थे। नगर आयुक्त के छुट्टी पर जाने के बाद कार्यवाहक नगर आयुक्त एस पी श्रीवास्तव द्वारा विकास के नाम पर निरस्त टेंडरों को बहाल कर दिया। ये 33 टेंडर कुल 8 करोड़ रुपए के थे। बताया जा रहा है कि मेयर विनोद अग्रवाल द्वारा कार्यवाहक नगर आयुक्त से ये सारे टेंडर बहाल करवाये गए थे। जिस कारण मेयर और नगर आयुक्त में विवाद बढ़ गया है। 1 मई को छुट्टी से वापस आने के बाद जब नगर आयुक्त को पता चला कि टेंडर बहाल कर दिए गए है तो उन्होंने इस पर जांच कराने की बात कही।

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मेयर बोले विकास के लिए किया ऐसा

नगर आयुक्त ने छुट्टी के पीछे स्वास्थ्य कारण बताये। जबकि मेयर इसके पीछे अपने अधिकार और महानगर का विकास को प्राथमिकता बता रहे हैं। मेयर के मुताबिक शहर में छह महीने से विकास काम रुके पड़े हैं। जिससे जनता में उनकी व् पार्टी की छवि खराब हो रही है। उन्होंने जो भी काम किया अपने अधिकारों के दायरे में किया।

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जनता को उठानी पड़ रहीं हैं परेशानियां

मेयर और आयुक्त में अदावत का ही परिणाम रहा कि आज होने वाली नगर निगम की महत्वपूर्ण बैठक निरस्त कर दी गयी। दोनों के बीच खुद कमिश्नर और डीएम ने भी वार्ता कराई। लेकिन दोनों अपनी अपनी बातों पर डटे रहे। जिसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।