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झाड़ियों से आ रही थी रोने की आवाज, पास जाकर देखा तो बंद बोरे में थी नवजात बच्ची

झाड़ियों से आ रही थी रोने की आवाज, पास जाकर देखा तो बंद बोरे में थी नवजात बच्ची

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झाड़ियों से आ रही थी रोने की आवाज, पास जाकर देखा तो बंद बोरे में थी नवजात बच्ची

झाड़ियों से आ रही थी रोने की आवाज, पास जाकर देखा तो बंद बोरे में थी नवजात बच्ची

मुरैना । आसन नदी में छोंदा पुल के पास कोई नवजात बच्ची को बोरा में बांधकर फेंक गया था। मारने वाले से बचाने वाला बलवान होता है।और यही हुआ कि शनिवार की दोपहर में करीब ढाई बजे मछलियां पकड़ रहे संजय कॉलोनी के लड़कों को बोरा में बंद नवजात बच्ची मिली। उन्होंने 100 डायल पुलिस वाहन को बुलाकर बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ्य है। और करीब सात आठ दिन की है।

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विदित हो कि संजय कॉलोनी निवासी रफीक खान अपने दो अन्य दोस्तों के साथ छोंदा पर आसन नदी में मछलियां पकड़ रहे थे। तभी उनको झाडिय़ों से किसी बच्चे की रोने की आवाज आई। उन्होंने इधर उधर देखा लेकिन कोई नहीं दिखा।

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तभी उनकी नजर एक बोरा पर पड़ी। उस बोरे को खोला तो उसके अंदर एक थैला था, उसको निकाला उसके अंदर एक बच्ची मिली। बच्ची के हाथ में वेन्युला लगा है इससे लगता है कि बच्ची ने किसी अस्पताल में ही जन्म दिया है। बच्ची को जिला अस्पताल की विशेष गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया है। वहां उपचार कर रहे

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चिकित्सक का कहना हैं कि बच्ची का वजन 1.670 ग्राम है वह पूरी तरह स्वस्थ्य है। अगर ये लड़के वहां मछलियां पकडऩे नहीं पहुंचते तो उस बच्ची की दम घुटकर मौत हो जाती या फिर किसी जंगली जानवर का शिकार हो सकती थी। लगता है ईश्वर ने ही इन लड़कों को बच्ची को बचाने यहां भेजा था। पुलिस नवजात बच्ची की मां की तलाश में जुट गई है।

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