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निर्भया को न्याय दिलाने के लिए अन्ना ‘मौन’, सुनवाई नहीं तो आमरण अनशन

देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से हैं आहत पहले मौन व्रत रखेंगे, फिर करेंगे आमरण अनशन देश में 426 दोषी कर रहे फांसी की सजा का इंतजार

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निर्भया को न्याय दिलाने के लिए अन्ना 'मौन', सुनवाई नहीं तो आमरण अनशन

निर्भया को न्याय दिलाने के लिए अन्ना 'मौन', सुनवाई नहीं तो आमरण अनशन

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

अहमदनगर.निर्भयाके गुनाहगारों को शीघ्र सजा दिलाने और देश भर में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधोंपर नियंत्रण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारेने 'मौन व्रत' शुरू कर दिया है। शुरुआत के दो से तीन दिन वे मौन रहेंगे और इसके बाद आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। अपने गांव महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धिस्थित यादवबाबा मंदिर में दर्शन के बाद हजार ने मौन धारण कर लिया। अन्ना ने 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी थी।

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इसमें उन्होंने निर्भया के गुनाहगारों को जल्द सजा दिलाने की मांग की थी। निर्भया को दोषियों को सजा नहीं मिली तो 20 दिसंबर से मौन व्रत शुरू करने की बात उन्होंने पीएम मोदी को बताई थी। हजारे की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि निर्भया को शीघ्र न्याय नहीं मिला तो बेमियादी अनशन शुरू करूंगा। हैदराबाद में बलात्कार के महिला डॉक्टर की हत्या के चारों आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत का अन्ना ने स्वागत किया था।

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पीएम मोदी यह लिखा था अन्ना ने पत्र में

पत्र में प्रधानमंत्री मोदीको संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने लिखा, ‘वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए दुष्‍कर्म और दोषियों को फांसी की सजा मिल गई, लेकिन आगे फिर देरी हो रही है। सात साल हो गए। यही वजह है कि देश का आमजन हैदराबाद पुलिस मुठभेड़का स्वागत कर रहा है। न्याय में विलंब लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं। इसका परिणाम अराजकता के रूप में भुगतना पड़ेगा। अन्ना हजारे ने हैदराबाद पुलिस मुठभेड़ को इसी से जोड़ते हुए संकेत दिया था। उन्होंने लिखा कि पिछली बार एक दुष्कर्मी और हत्यारे को 14 अगस्त 2005 को बंगाल में फांसी दी गई थी। तब से देश में मौत की सजा सुनाए गए किसी इस तरह के दोषी को फांसी की सजा नहीं दी गई । मौजूदा वक्त में 426 दोषी फांसी की सजा का इंतजार कर रहे हैं।

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