
कसारा घाट
Igatpuri-Kasara New Rail Route: महाराष्ट्र के नासिक जिले में रेलवे ने एक बड़े महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इससे न केवल रेलवे को फायदा होगा बल्कि यात्रियों का सफर भी पहले से ज्यादा आरामदायक होगा। इस परियोजना से इगतपुरी और कसारा के बीच रेल यात्रा कम खर्चीली हो जाएगी।
इसके तहत सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में कसारा-इगतपुरी के बीच पांचवे रेल मार्ग के लिए नए सुरंग का काम चल रहा है। यह घाट समुद्र तल से करीब ढाई हजार फीट की ऊंचाई पर है, जहां ब्रिटिश राज में ट्रिपल रेल लाइन बनाई गयी थी। यह भी पढ़े-Vegetarian Village: महाराष्ट्र का यह गांव 800 सौ साल से है शाकाहारी, जानें इसके पीछे की मान्यता
इस मार्ग (कसारा-इगतपुरी) पर मौजूद सुरंगों से गुजरने वाली सभी ट्रेनों में अतिरिक्त इंजन लगानी पड़ती है। दरअसल अधिक उतार-चढ़ाव होने की वजह से मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों में भी कई इंजन अतिरिक्त जोड़ने पड़ते है। जिस वजह से रेलवे का खर्चा बढ़ जाता है, जबकि घाट से पहले अतिरिक्त इंजन जोड़ने और घाट गुजरने के बाद उसे निकालने में समय की बर्बादी होती है। नतीजतन ट्रेन अपनी यात्रा अधिक समय में पूरी करती है।
जानकारी के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने कसारा-इगतपुरी घाट पर नई लाइन के लिए सर्वे शुरू करने के आदेश दिए हैं और इसको बनाने का काम भी जल्दी शुरू होने की उम्मीद है। इस पहाड़ी घाट पर चढ़ने के लिए मालगाड़ियों को मुख्य इंजन के अलावा कई इंजन जोड़कर चलाया जाता है। इस दौरान एक से ज्यादा इंजन मालगाड़ी के पिछले हिस्से में लगते है।
अगर कसारा-इगतपुरी घाट में यह अहम प्रोजेक्ट पूरा होता है तो अतिरिक्त रेलवे इंजन लगाने का झंझट खत्म हो जाएगी। मालगाड़ियों को भी घाट पर बिना और इंजन के चलाया जा सकेगा। रेलवे ने उच्च तकनीक की मदद से सुरंग बनाने की योजना बनाई है।
बता दें कि कसारा घाट मार्ग से होते हुए दिल्ली और उत्तर प्रदेश की ट्रेने जाती है। इसके अलावा रेलवे ने मुंबई से भुसावल तक दो अतिरिक्त लाइनें बनाने का फैसला किया है। अब नई सुरंग बनने से यात्रियों के समय की भी काफी बचत होगी।
घाट से होकर जाने वाला यह रेल रूट काफी ऊंचाई पर है। इसलिए चढ़ाई को कम करने के लिए रेलवे ने नई सुरंग बनाने का निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड ने फाइनल लोकेशन सर्वे को भी मंजूरी दे दी है। अभी कसारा-इगतपुरी घाट में रास्ता बहुत दुर्गम है। जिस वजह से यहां भारी उतार-चढ़ाव है।
इसलिए इस मार्ग पर ट्रेनों को खींचने के लिए हमेशा अतिरिक्त इंजन की आवश्यकता पड़ती है। बताया जा रहा है कि अगर यह महत्वाकांक्षी रेलवे परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है तो यह देश की सबसे बड़ी सुरंग भी होगी।
Published on:
03 Aug 2022 11:26 am
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