7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यह मैं नहीं सुन पाऊंगा…बॉम्बे हाईकोर्ट में पहुंचा ऐसा मामला, जिसे देखते ही जज ने सुनवाई से खींचे हाथ

Bombay High Court : कुनबी जाति का प्रमाणपत्र मिलने के बाद मराठा समाज को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Sep 22, 2025

Bombay high court on Maratha andolan Manoj Jarange

मराठा आरक्षण पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई (Patrika Photo)

बॉम्बे हाईकोर्ट के एक अहम फैसले ने मराठा समाज के लिए आरक्षण की राह को और आसान बना दिया है। मराठा समाज के पात्र लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अदालत ने सोमवार को सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके चलते हैदराबाद गैजेट (Hyderabad Gazette) के आधार पर कुनबी प्रमाणपत्र वितरण की प्रक्रिया को गति मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, यह याचिकाएं सोमवार को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस संदेश पाटील की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए पहुंची थीं। लेकिन तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए अदालत ने इन पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। अब यह याचिकाएं मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखी जाएंगी।

दरअसल, 2 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार ने एक जीआर जारी किया था, जिसके जरिए मराठवाडा क्षेत्र के मराठा समाज को कुनबी प्रमाणपत्र देने का रास्ता आसान हुआ। इस फैसले को कुछ ओबीसी संगठनों ने चुनौती दी थी और इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। लेकिन आज जस्टिस पाटील ने कहा कि वह इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकते, जिसके बाद पीठ ने याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। अदालत के इस रुख ने फिलहाल सरकार के आदेश को राहत दी है।

हैदराबाद गैजेट क्या है?

साल 1918 में तत्कालीन हैदराबाद निजाम शासन ने यह गैजेट जारी किया था, जिसमें मराठा समाज को ‘हिंदू मराठा’ नाम से शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया गया था। बताया जाता है कि तब सत्ता और नौकरियों में मराठों की उपेक्षा की जा रही थी। इसी ऐतिहासिक आदेश को आज भी मराठा समाज की आरक्षण की लड़ाई का नींव माना जाता है।

पिछले महीने मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील ने बड़ा आंदोलन किया। उन्होंने पांच दिन तक अनशन किया और इस दौरान राज्यभर से हजारों मराठा उनका समर्थन करने के लिए मुंबई पहुंचे थे। इस भारी दबाव के चलते फडणवीस सरकार को कई फैसले लेने पड़े, जिनमें मराठा आरक्षण लागू करने के लिए हैदराबाद गैजेट लागू करने की घोषणा भी शामिल थी। इससे मराठाओं को कुनबी श्रेणी के तहत ओबीसी आरक्षण का फायदा मिल सके। बता दें कि कुनबी कृषि प्रधान समुदाय है, जो ओबीसी श्रेणी में शामिल है। लेकिन राज्य सरकार के इस निर्णय से ओबीसी समाज नाराज हो गया।