पानसरे की बहू और कार्यकर्ता मेघा पानसरे ने हाईकोर्ट से महाराष्ट्र सीआईडी की बजाय राज्य एटीएस से हत्याकांड की जांच करवाने का अनुरोध किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोविंद पानसरे की हत्या की जांच राज्य एसआईटी से महाराष्ट्र एटीएस को ट्रांसफर कर दी है।
साल 2015 में कोर्ट के आदेश पर महाराष्ट्र के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने गोविंद पानसरे के हत्यारों को पकड़ने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। पानसरे के परिजनों का आरोप है कि एसआईटी ने पिछले सात वर्षों में मामले में कोई प्रगति नहीं की है। अभी भी हत्यारे कानून के शिकंजे से बाहर है। हालांकि कुछ आरोपी हिरासत में हैं। लेकिन हत्याकांड का पर्दाफाश होना बाकि है।
पानसरे के परिवार की केस ट्रांसफर करने की याचिका पर सीआईडी ने कहा कि एटीएस भी राज्य सरकार की एक जांच एजेंसी है, इसलिए यदि जांच उसे सौंपी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
पानसरे की कोल्हापुर में 16 फरवरी 2015 को गोली मारी गयी थी और कुछ दिनों बाद 20 फरवरी को उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। एक अन्य केस के आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि फरार आरोपी सचिन अंदुरे और विनय पवार पानसरे मामले के कथित शूटर है।