
Maha Corona Effect: महाराष्ट्र के इस गांव में नहीं मिला एक भी कोविद-19 से संक्रमित...
रोहित के. तिवारी
मुंबई. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से जहां मुंबई, पुणे और नासिक में लोग परेशान हैं, वहीं नक्सलवाद प्रभावित महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले में अब तक महामारी का एक भी संक्रमित नहीं मिला है। इसका श्रेय स्थानीय लोगों की समझ और सर्च नामक संस्था की मेहनत को जाता है। राज्य में कोरोना की दस्तक के समय से ही यह संस्था यहां काम कर रही है। संस्था के कार्यकर्ता पूरे जिले में स्थानीय लोगों को कोरोना से बचाव के तरीके बता रहे हैं। विकास की दौड़ में राज्य के बाकी हिस्सों के मुकाबले पिछड़े गडचिरोली के लोग कोविड-19 से बचाव को लेकर काफी सजग हैं। तकरीबन 12 लाख की आबादी वाले जिले को कोरोना से बचाने के लिए सर्च संस्था के काम को पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने भी सराहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में नाकाबंदी...
सर्च के संस्थापक समाजसेवी डॉ. अभय बंग ने बताया कि जिले के लोग कोरोना से बचाव के हर उपाय कर रहे हैं। यहां लॉकडाउन का पालन पूरे अनुशासन के साथ किया जा रहा है। नाकाबंदी के जरिए गांवों में बाहरी लोगों का प्रवेश लगभग रोक दिया गया है। शहर या बाहर से आने वाले लोगों को गांव के स्कूल या किसी घर में दो हफ्ते के लिए एकांत में रखा जाता है। सर्दी-जुकाम आदि होने पर उनका उपचार किया जाता है। ठीक होने के बाद ही घर जाने दिया जाता है। यह काम खुद गांव के लोग संभालते हैं। महामारी से बचने के लिए ग्रामीण पूरी तरह सजग हैं।
सौ गांवों का सर्वेक्षण...
डॉ. बंग ने बताया कि सर्च की ओर से जिले के 100 गांवों का सर्वेक्षण किया गया। सर्दी-जुकाम से पीडि़त लोगों की जांच की गई। हमें खुशी है कि अब तक किसी भी गांव में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। ऐसा नहीं कि यहां के लोगों में कोरोना का भय नहीं है। महामारी से बचाव के लिए सभी लोग सजग हैं।
महिलाएं बना रहीं मास्क...
कोरोना के खिलाफ जंग में यहां की महिलाएं बराबर का योगदान कर रही हैं। गांव के सरपंच के मार्गदर्शन में बचत गुट की महिलाएं मास्क बना रही हैं। यह काम जिले के अधिकांश गांवों में हो रहा है। घर से निकलते समय लगभग सभी लोग मास्क लगा रहे हैं।
डॉ. अभय बंग की तैयार है रणनीति...
वहीं सर्च संस्था के तहत 100 गांवों का सर्वे करने के अलावा उन्हें कोरोना वायरस के प्रति जागरूक किया गया है। गांव में कोरोना से निपटने के लिए एक मॉडल विकसित किया गया है। इसके दो भाग हैं, जिसके चलते कोरोना वायरस को लेकर जहां लोगों की देखभाल की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर मास्क के भरपूर प्रयोग पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके चलते आज गांव में एक भी मरीज नहीं है और डॉ. बंग के कहने के अनुसार भविष्य में भी गढ़चिरौली में कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज नहीं पाया जाएगा। वायरस से लड़ने के लिए किसी भी परिस्थितियों में डॉ. अभय बंग की रणनीति तैयार है।
Updated on:
18 Apr 2020 02:00 pm
Published on:
16 Apr 2020 07:19 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
