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गिरफ्तारी के डर से बुजुर्ग ने ठगों को दे दिए 1.08 करोड़, पूरा मामला जान रह जाएंगे हैरान

मुंबई में साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 82 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति से 1.08 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 20, 2025

Cyber Crime

प्रतीकात्मक फोटो ( स्रोत सोशल मीडिया )

मुंबई में डिजिटल अरेस्ट एक और चौंकाने वाला सामने आया है। विलेपार्ले इलाके में रहने वाले 82 वर्षीय रिटायर्ड व्यक्ति से जालसाजों ने सीबीआई (CBI) और दिल्ली पुलिस का अधिकारी बनकर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की। मुंबई साइबर पुलिस के अनुसार, पीड़ित बुजुर्ग को सबसे पहले व्हाट्सएप वीडियो कॉल (WhatsApp) आया, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को दिल्ली के टेलीकॉम विभाग का अधिकारी पवन कुमार बताया। उसने दावा किया कि बुजुर्ग के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में फर्जी खाता खोला गया, जिसका उपयोग अवैध अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए किया जा रहा है।

ऐसे रचा गया ठगी का जाल

इसके बाद, दो और कॉल आए, जिसमें एक महिला ने खुद को दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर खुशी शर्मा, और दूसरे व्यक्ति ने सीबीआई अधिकारी हेमराज कोहली बताया। उन्होंने पीड़ित को गिरफ्तारी की धमकी दी और क्लियरेंस सर्टिफिकेट जारी करने के बहाने उनके बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी।

गिरफ्तारी के डर से बुजुर्ग ने अपने और पत्नी के खातों से ठगों को 1.08 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान पूरी बातचीत व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर होती रही, और आरोपियों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी कि वे किसी से कुछ न कहें।

बाद में ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने वेस्ट रीजन साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी मोबाइल नंबर और बैंक खातों के जरिए आरोपियों की पहचान में जुटे हैं।

व्यापारी से 58 करोड़ का फ्रॉड

हाल ही में ठगों ने मुंबई के 72 वर्षीय व्यापारी से 58 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया। यह चौंकाने वाला मामला 19 अगस्त को शुरू हुआ, जब पीड़ित व्यापारी को अनजान नंबर से कॉल आया। इसके बाद व्यापारी और उनकी पत्नी को गिरफ्तारी और क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई। खुद को ईडी और सीबीआई अधिकारी बताने वाले आरोपियों ने व्यापारी को पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर दिया। मुंबई पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच चल रही है।

पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहें और किसी भी स्थिति में अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी साझा न करें। पुलिस या सुरक्षा एजेंसियां किसी से कॉल पर ऐसी गोपनीय जानकारियां नहीं मांगती।