
CM deposited crores of rupees into the accounts of 29 lakh women
महाराष्ट्र सरकार दिवाली से पहले ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ (Majhi Ladki Bahin Yojana) के सितंबर और अक्टूबर महीने के हफ्ते जारी कर सकती है। लेकिन उससे पहले इस योजना से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है। हाल ही में सरकार ने योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवायसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया है। सभी लाभार्थी महिलाओं को नवंबर से पहले ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, नहीं तो उनकी अगली किस्त अटक सकती हैं।
राज्य सरकार ने अभी तक सितंबर महीने के 1500 रुपये जारी करने को लेकर कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया है। इस वजह से लाभार्थियों के खातों में कब रकम जमा होगी, इसको लेकर स्पष्टता नहीं है। हालांकि प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सितंबर और अक्टूबर के हफ्ते ई-केवायसी न होने की वजह से रोके नहीं जाएंगे, लेकिन नवंबर और उसके बाद के भुगतान तभी मिलेंगे जब ई-केवायसी पूरी होगी।
ई-केवायसी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से लाभार्थी महिलाओं को अधिकृत पोर्टल https://ladakibahin.maharashtra.gov.in/ekyc पर तकनीकी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। पोर्टल पर अपलोडिंग में दिक्कतें, सर्वर स्लो होना जैसी समस्याओं के कारण कई लाभार्थी महिलाओं की ई-केवायसी प्रक्रिया अभी भी अधूरी रह गई है। हालांकि महिला एवं बाल विकास विभाग विशेषज्ञों की मदद से ई-केवाईसी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं के समाधान पर काम कर रहा है। और जल्द ही इसे दूर कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने महिलाओं को ई-केवायसी पूरी करने के लिए दो महीने का समय दिया था। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने 18 सितंबर को एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया था। यानी अब ई-केवायसी के लिए डेढ़ महीने का समय रह गया है। इस अवधि में सभी लाभार्थियों को प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया गया है ताकि आगे के हफ्ते में कोई अड़चन न आए।
इस बीच यह चर्चा तेज है कि सरकार दिवाली से पहले सितंबर और अक्टूबर दोनों महीनों की किस्त, यानी कुल 3000 रुपये, लाभार्थी महिलाओं के खातों में एक साथ जमा कर सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो दो करोड़ से ज्यादा महिलाओं को त्योहार से पहले बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि, सरकार की ओर से इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) गरीब महिलाओं को आर्थिक सहारा देने के उद्देश्य से जुलाई 2024 में शुरू की गई थी। लेकिन समय के साथ यह सामने आया कि बड़ी संख्या में अपात्र लाभार्थियों ने भी इसका लाभ उठा लिया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। अब राज्य सरकार इस गड़बड़ी को रोकने के लिए ई-केवायसी प्रक्रिया लागू कर रही है, ताकि असली पात्र महिलाओं की पहचान सुनिश्चित की जा सके और योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे। इसलिए राज्य सरकार ने लाभार्थियों के साथ ही उनके पति या पिता का ई-केवाईसी कराना भी अनिवार्य कर दिया है।
Published on:
07 Oct 2025 02:02 pm
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