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Maharashtra Political Crisis: शिंदे गुट ने बताया आगे का प्लान, 3-4 दिन में हो जाएगा महाराष्ट्र के सियासी संकट का फैसला!

शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा “एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एकनाथ शिंदे समूह को मान्यता दी जानी चाहिए। हम महा विकास अघाड़ी सरकार (MVA) के साथ नहीं जाएंगे।‘

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jun 26, 2022

Eknath Shinde Camp

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Maharashtra Political Crisis Update: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के बीच जारी सियासी संघर्ष रविवार को और बढ़ गया। दरअसल शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले बागी खेमे ने अजय चौधरी (Ajay Choudhari) की शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ दिए अविश्वास प्रस्ताव की अस्वीकृति को देश की शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। जिस पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है. इस बीच एकनाथ शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने दावा किया की आने वाले 3 से 4 दिनों में इस राजनीतिक संघर्ष का नतीजा सामने आ जाएगा।

शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा “एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एकनाथ शिंदे समूह को मान्यता दी जानी चाहिए। हम महा विकास अघाड़ी सरकार (MVA) के साथ नहीं जाएंगे।‘ यह भी पढ़ें-Maharashtra Political Crisis: अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सोमवार को होगी सुनवाई

शिवसेना के बागी गुट का पक्ष रखते हुए दीपक केसरकर ने कहा “एक से दो विधायक और आएंगे और हमारे साथ जुड़ेंगे। उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ हमारी संख्या 51 हो जाएगी। हम 3-4 दिनों में किसी निर्णय पर पहुंचेंगे जिसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे।“

बता दें कि एमवीए सरकार के खिलाफ बगावत करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में असंतुष्ट विधायक मुंबई से लगभग 2,700 किलोमीटर दूर गुवाहाटी में 22 जून से डेरा डाले हुए हैं। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली शिकायतों के आधार पर नोटिस भेजा है और सोमवार शाम तक लिखित जवाब मांगा है। हालांकि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है।

कोविड-19 को मात देकर राजभवन लौटे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र से केंद्रीय सुरक्षा बलों को तत्काल तैनात करने के लिए पर्याप्त प्रावधान करने का आग्रह किया, ताकि शिवसेना के 38 विधायकों, प्रहार जनशक्ति पार्टी के 2 और 7 निर्दलीय विधायकों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि महाराष्ट्र गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आज राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में व्यवधान की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। गुवाहाटी गए सभी विधायकों के कार्यालय, आवास पर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गई है।