
मनोज जरांगे पर एफआईआर
Manoj Jarange: मराठा आरक्षण आंदोलन की धधकती आग शुक्रवार से ठंडी होने के बाद बीड, धाराशिव, जालना, संभाजीनगर आदि जिलों में जनजीवन सामान्य हो गया है। स्कूल खुल गए हैं और बसों का परिचालन भी शुरू हो गया है। यह सब गुरुवार रात मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटील के अनशन के खत्म करने के बाद संभव हुआ। मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण को लेकर नौ दिन से जारी अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सरकारी प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बाद बीती रात खत्म की। जरांगे ने स्पष्ट कहा है कि समुदाय को दो महीने में आरक्षण नहीं दिया गया तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण लागू करने के लिए 2 जनवरी तक का समय दिया है। जरांगे से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल व राज्य के मंत्रियों ने खुद यह जानकारी दी थी। लेकिन अब मनोज जरांगे ने कहा है कि उन्होंने सरकार को मराठा आरक्षण के लिए 2 जनवरी तक का समय नहीं दिया है। सरकार को 24 दिसंबर तक का मौका दिया गया है। यह फैसला रिटायर जज के समक्ष लिया गया है। यह भी पढ़े-Maratha Andolan: मान गए मनोज जरांगे, 9वें दिन खत्म की भूख हड़ताल, सरकार को दिया 2 जनवरी तक का समय
24 दिसंबर के बाद नहीं देंगे समय
मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख चेहरे मनोज जरांगे ने कहा, ‘...उन्होंने दो महीने का समय मांगा था. तो शायद उन्हें 2 जनवरी की तारीख लग रही है... लेकिन प्रतिनिधिमंडल में हुई बातचीत में 2 जनवरी नहीं बल्कि 24 दिसंबर की तारीख तय की गई है... ये लिखित में तय हुआ है और इसकी फोटो भी है...’
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि 24 दिसंबर के बाद सरकार को समय नहीं दिया जाएगा। इसके चलते सरकार को इस साल के अंत तक मराठा आरक्षण पर फैसला लेना ही होगा। सेवानिवृत्त जज और प्रतिनिधिमंडल के समक्ष 24 दिसंबर की तारीख तय की गई है। दो जनवरी की तारीख तय नहीं हुई है।
नई भर्ती नहीं होगी
प्रतिनिधिमंडल के समक्ष हुई चर्चा के मुताबिक जब तक मराठा आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक कोई नई भर्ती नहीं होगी। मनोज जरांगे ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि यदि नई भर्ती हुई भी तो मराठों के लिए पद खाली रखे जाएंगे।
Published on:
03 Nov 2023 12:39 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
