
मनोज जरांगे मुंबई के लिए रवाना (Photo: Facebook)
मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए मनोज जरांगे पाटील अपने हजारों समर्थकों के साथ आज जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी से रवाना हो चुके। उन्होंने ऐलान किया कि 29 अगस्त से वह महाराष्ट्र की राजधानी में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, यह आरपार की और आखिरी लड़ाई है। चाहे जितना भी समय लगे, मराठा मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
43 वर्षीय जरांगे ने बुधवार सुबह रवाना होने से पहले कहा, “हमें उकसाने की कोशिशें होंगी, लेकिन हम शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे। इस बार चाहे कितना भी समय लगे, हम मराठा समाज के लिए आरक्षण लेकर रहेंगे। यह अंतिम और निर्णायक लड़ाई है। आरक्षण लिए बिना हम मुंबई नहीं छोड़ेंगे”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि गणेश उत्सव के दौरान उनके आंदोलन से किसी भी भक्त को कोई असुविधा नहीं होगी। दरअसल राज्य सरकार की ओर से अपील की गई थी कि गणेशोत्सव को देखते हुए आंदोलन की तारीख पर पुनर्विचार किया जाए। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा नेताओं के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मनोज जरांगे से इस बारे में गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि आंदोलन टाला नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) राजेंद्र साबले ने मंगलवार को आंतरवाली सराटी जाकर जरांगे से मुलाकात की और गणेशोत्सव के दौरान मुंबई में आंदोलन न करने की अपील की। लेकिन जरांगे ने साफ कहा कि सरकार आरक्षण पर फैसला ले, तभी आंदोलन रोका जाएगा।
एक दिन पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे को मुंबई के आजाद मैदान में धरना-प्रदर्शन करने से रोका है। कोर्ट ने कहा कि आंदोलन से मुंबई की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए शहर में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। अब मुंबई के आजाद मैदान में जरांगे का आंदोलन किस रूप में आगे बढ़ेगा, इस पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं।
बुधवार सुबह से ही बीड, छत्रपति संभाजीनगर, जालना और मराठवाड़ा क्षेत्र के अलग-अलग जिलों से सैकड़ों समर्थक जरांगे के गांव पहुंचे। इसके बाद ट्रकों और वाहनों से सभी मुंबई की ओर रवाना हुए। मनोज जरांगे ने अंतरवाली सराटी से मुंबई रवाना होने से पहले ही मराठा आंदोलनकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि उन्हें आजाद मैदान में लंबे समय तक अनशन पर बैठना पड़ सकता है। इसी पृष्ठभूमि में मराठा आंदोलनकारी पूरे महीने मुंबई में रुकने की तैयारी के साथ घरों से निकले हैं।
मनोज जरांगे की अपील के बाद राज्यभर के गांवों से मराठा समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई की ओर कूच कर रहे हैं। मराठवाडा के गावों से विभिन्न वाहनों के जरिए मराठा समाज के लोग मुंबई रवाना हुए हैं। वे अपने साथ महीनेभर का राशन, गैस चूल्हे, बर्तन और जरूरी सामान लेकर निकले हैं।
मनोज जरांगे की मुख्य मांग है कि मराठा समाज को कुनबी जाति की मान्यता दी जाए, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल है। ऐसा होने पर मराठा समाज को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
Updated on:
27 Aug 2025 05:09 pm
Published on:
27 Aug 2025 04:09 pm
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