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मनोज जरांगे के अनशन का 5वां दिन, तबीयत बिगड़ी, नाक से आया खून, धारा-144 लागू

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज पांचवां दिन है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Feb 14, 2024

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मनोज जरांगे

मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर जालना के अंबड तालुका के अंतरवली सराटी गांव में मनोज जरांगे पाटील (Manoj Jarange) भूख हड़ताल पर बैठे है। जरांगे की अनशन का आज पांचवां दिन है। मराठा कोटा लागू करने के लिए 10 फरवरी से एक बार फिर से मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल शुरू की है।

नाक से बह रहा खून

पिछले पांच दिनों त्यागने की वजह से उनकी हालत काफी खराब हो गई है। खबर है कि मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे जरांगे की नाक से खून बह रहा है। इसके बावजूद वह पानी तक नहीं पी रहे है। पुलिस अधिकारियों ने भी उनसे पानी पीने का काफी अनुरोध किया, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र: ‘...तो फिर ओबीसी आरक्षण हो सकता है रद्द’, मनोज जरांगे की चेतावनी से मची खलबली

मंगलवार को मनोज जरांगे के हाथ कांप रहे थे, उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही थी। उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है, इससे प्रशासन चिंतित हैं।

मराठा संगठनों ने बुलाया बंद

मराठा संगठनों ने मनोज जरांगे के समर्थन में बंद बुलाया है। आज जालना, बीड, सोलापुर, बारामती, मनमाड और नासिक के कई गांवों में कामकाज ठप है। मनोज जरांगे की भूख हड़ताल के समर्थन में आज उत्तरी सोलापुर बंद का आह्वान किया गया है। गांव में सुबह से ही सभी दुकानें बंद हैं, केवल दूध और आवश्यक सेवाएं ही चल रही हैं।

धारा-144 लागू

मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज पांचवां दिन है। भोजन और पानी नहीं लेने की वजह से उन्हें भयंकर कमजोरी हो गई है। इन्फेक्शन का भी खतरा बढ़ गया है। जरांगे से ग्रामीण और अन्य सहकर्मी बार-बार पानी पीने और इलाज करावाने की विनती कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन की ओर से बीड में धारा-144 लागू की गई है।

सोमवार रात जालना के कलेक्टर श्रीकृष्णनाथ पांचाल और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने भी मनोज जरांगे से पानी पीने का अनुरोध किया। हालाँकि, मराठा कार्यकर्ता ने साफ कहा कि वह अपना अनशन तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार अध्यादेश को लागू नहीं करती। वह तब तक पानी भी नहीं पियेंगे।

ये है प्रमुख मांगे

मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण को लेकर सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को तुरंत लागू करने और अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए एक विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। राज्यभर में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लेने की मांग की है।