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‘बटोगे…तो पिटोगे’, निकाय चुनाव की घोषणा के बाद उत्तर भारतीय वोटरों पर निशाना, मातोश्री के बाहर लगे बैनर

Maharashtra Politics : मुंबई के दादर, अंधेरी, बांद्रा और शिवाजी पार्क सहित शहर के कई इलाकों में लगाए गए एक बैनर ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 05, 2025

Mumbai BMC election banner

‘उत्तर भारतीय सेना’ के पोस्टर से चढ़ा सियासी पारा

Maharashtra Civic Elections: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा के साथ ही सूबे का सियासी माहौल गरमाने लगा है। दिसंबर की शुरुआत में राज्य की 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों की चुनावी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मतदान 2 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 3 दिसंबर को होगी। इस चुनावी सरगर्मी के बीच मुंबई में लगे उत्तर भारतीय सेना (Uttar Bhartiya Sena) के बैनरों ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इन बैनरों ने राज्य की राजनीति में भाषा और क्षेत्रीय पहचान का मुद्दा फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है।

उत्तर भारतीय वोटरों को साधने की कोशिश में मुंबई के विभिन्न इलाकों में लगाए गए इन बैनरों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दादर, अंधेरी, बांद्रा और शिवाजी पार्क जैसे इलाकों के साथ-साथ उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री, उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के शिवतीर्थ बंगले और शिवसेना भवन परिसर में भी ये बैनर लगाए गए है। बैनर पर लिखा है- “उत्तर भारतीय सावधान! बटोगे तो पिटोगे, महाराष्ट्र से बिहार तक, राजस्थान से यूपी तक”। इस बैनर में उत्तर भारतीय सेना के अध्यक्ष सुनील शुक्ला की तस्वीर छपी हुई है।

बताया जा रहा है कि यह बैनर उत्तर भारतीय सेना ने लगवाया है और इसका मकसद आगामी बीएमसी चुनाव में उत्तर भारतीय मतदाताओं को एकजुट रखना और उन्हें अपने पक्ष में करना है। मुंबई और ठाणे में उत्तर भारतीय मतदाताओं की बड़ी संख्या है, जो हर चुनाव में उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

कौन है सुनील शुक्ला?

सुनील शुक्ला उत्तर भारतीय विकास सेना के अध्यक्ष हैं। वह महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारतीयों के अधिकारों की आवाज उठाने का दावा करते हैं। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हिंदी भाषी और उत्तर भारतीय प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़काने और बार-बार धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से मनसे का पंजीकरण रद्द करने की भी मांग की है।