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Maharashtra Politics: चाचा-भतीजा कब एक हो जाएं, कुछ कह नहीं सकते, शरद पवार को लेकर शिवसेना नेता का बड़ा बयान

Sharad Pawar Ajit Pawar : शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार राजनीतिक रूप से अलग राह पर चल रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में दोनों का बार-बार एक ही मंच पर दिखाई देना, दोनों एनसीपी गुटों के साथ आने की संभावनाओं को बल दे रहा है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

May 15, 2025

Sharad Pawar Ajit Pawar unite

महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों फिर से हलचल तेज है। शरद पवार और अजित पवार के एक बार फिर साथ आने की अटकलें जोर पकड़ती जा रही हैं। एक ओर जहां दोनों नेता हाल के कुछ कार्यक्रमों में साथ नजर आए, वहीं दूसरी ओर नेताओं के बयानों से भी यह राजनीतिक समीकरण गरमाता दिख रहा है।

शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री संजय शिरसाट ने दावा किया है कि शरद पवार का राजनीतिक करियर देखें तो यह कहा जा सकता है कि वह भविष्य में भतीजे अजित पवार के साथ सुलह कर सकते है। उन्होंने कहा, "शरद पवार की राजनीति जोड़ने और तोड़ने की रही है। यह चाचा-भतीजे की बात है, कब एक हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन शिवसेना यूबीटी (उद्धव ठाकरे गुट) को इससे सबसे बड़ा झटका लगेगा। भविष्य में चाचा-भतीजे के साथ आने के संकेत मिल रहे हैं।“

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शिरसाट के बयान से यह संकेत मिलता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में बड़ा फेरबदल हो सकता है। हालांकि, एनसीपी (शरद पवार) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इन अटकलों को ख़ारिज किया है। उन्होंने कहा, "अब तक शरद पवार और अजित पवार के गुटों को एकजुट करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।" उन्होंने यह भी साफ किया कि फिलहाल ऐसा कोई राजनीतिक बातचीत नहीं चल रही है।

इसी तरह, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुनील तटकरे ने भी कहा कि पार्टी में पुनर्मिलन को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया है और न ही इस विषय पर विधायकों की बैठक में कोई चर्चा हुई है।

भले ही एनसीपी के दोनों खेमे खंडन कर रहे है, लेकिन इसके बावजूद अटकलें थमी नहीं हैं। इसकी वजह है शरद पवार का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी का एक वर्ग अजित पवार के साथ आने के पक्ष में है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह के फैसलों में वे प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हैं।

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पिछले कुछ हफ्तों में शरद पवार और अजित पवार को कई बार एक साथ सार्वजनिक मंचों पर देखा गया, जिससे सियासी गलियारों में चर्चा और तेज हो गई। फिलहाल शरद पवार और अजित पवार के साथ आने को लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा-भतीजे की जोड़ी एक बार फिर से नया मोड़ लाती है या यह सिर्फ सियासी कयास बनकर रह जाएगा।