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ओहमाईगॉड: म्हाडा मुख्यालय में चोरी, अब कैसे सफल होगा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट?

म्हाडा मुख्यालय ( Mhada Headquarter ) से रेन हार्वेस्टिंग की टंकी गायब, अनायास ही बहा जा रहा है बारिश का हजारों लीटर पानी, अंदाजन 5 हजार लीटर ( 5 thousand liters ) क्षमता वाली थी टंकी, करीब 8 साल पहले स्थापित की गई थी टंकी, मुख्यालय पर लाखों रुपए खर्च करके रेन हार्वेस्टिंग यंत्र ( Rain harvesting Plant ) की मशीन लगाई थी

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ओहमाईगॉड: म्हाडा मुख्यालय में चोरी, अब कैसे सफल होगा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट?

ओहमाईगॉड: म्हाडा मुख्यालय में चोरी, अब कैसे सफल होगा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट?

रोहित के. तिवारी

मुंबई. मुंबई के बांद्रा स्थित म्हाडा मुख्यालय में बनाई गई रेन हार्वेस्टिंग के लिए अंदाजन 5 हजार लीटर क्षमता वाली टंकी के गायब होने से परिसर में सनसनाहट पसर गई है, जिससे म्हाडा के छत पर बारिश का पानी पाइप के सहारे अनायास ही बहा जा रहा है। यह तकरीबन कई सालों से हो रहा है। बीते साल से 8 वर्षों के दरमियान म्हाडा प्राधिकरण ने मुख्यालय पर लाखों रुपए खर्च करके रेन हार्वेस्टिंग यंत्र की मशीन लगाई थी। इससे मानसून के समय में छत पर जमा होने वाले पानी को व्यर्थ में न बहाकर उसे पाइपों के सहारे टंकी में जमा करके उसे म्हाडा कार्यालय के उपयोग में लाया जा रहा था। बहरहाल, पानी बचाओ योजना के तहत खर्च किए गए लाखों रुपये पानी में ही बह गए, जबकि इस मामले पर कोई भी आलाधिकारी बोलने को तैयार नहीं।

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IMAGE CREDIT: Rohit Tiwari

एक वर्ष से गायब है टंकी...
विदित हो कि रेन हार्वेस्टिंग में उन्होंने छत पर दो लोहे की पाइप लाइन बिछाकर उसे जमीन से ऊपर बनी टंकी में जमा करना और उसका कनेक्शन भूमिगत बनी सीमेंट की टंकी में जमा किया जाता था। इसमें कम से कम हजारों लीटर पानी जमा होता था, जो कार्यालय के अन्य कार्यों में उपयोग में लिया जाता था। लेकिन कुछ 1 वर्षों से टंकी गायब होने के चलते छत पर जमा पानी पाइपों के सहारे जमीन पर अनायास ही बह रहा है। देखा जाए तो पानी बचाओ योजना के तहत लाखों रुपए जो रेन हार्वेस्टिंग संयंत्र में लगाए थे, वह सब व्यर्थ हो गए।

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बात करने का समय नहीं...
रेन हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट पानी के बचत के लिए स्थापित किया गया था। इससे कई वर्षों तक पानी का उचित इस्तेमाल भी किया गया। हालांकि इस वर्ष पानी की टंकी कहां गई, ज्यादा बोलना उचित नहीं। अभी हमारे पास इस मामले पर बात करने का समय नहीं है।
- सुनील गोविंद जाधव, प्रभारी मुख्य अभियंता 3, म्हाड

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