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शरद पवार ने सरकार को चेताया, कहा- किसानों का मुद्दा नहीं सुलझा तो…

Sharad Pawar : एनसीपी-एसपी मुखिया शरद पवार ने कहा, अगर भाजपा सरकार किसानों के मुद्दों पर सही फैसला नहीं लेती है, तो हम चुपचाप खड़े होकर नहीं देख सकते।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 15, 2025

Sharad Pawar on BJP

शरद पवार (Photo: IANS)

महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) में पिछले कुछ समय से मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा नीत महायुति सरकार ने हाल ही में कुनबी रिकॉर्ड वाले मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने का अध्यादेश जारी किया है। जिससे उन मराठाओं को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिल सके। इस फैसले के बाद राज्य में ओबीसी और मराठा समाज आमने-सामने खड़े हो गए हैं। दूसरी ओर, भारी बारिश से किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इसी मुद्दे पर एनसीपी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार पर तीखा हमला बोला।

नासिक में सोमवार को उनकी पार्टी की ओर से एक बड़ा मोर्चा निकाला गया। इस मौके पर शरद पवार ने कहा, “अगर सरकार किसानों की समस्याओं पर ठोस कदम नहीं उठाती तो हम सिर्फ चुपचाप खड़े होकर नहीं देख सकते। यह तो सिर्फ शुरुआत है।”

वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस साल महाराष्ट्र के लगभग हर जिले में भारी बारिश हुई है, जिसका सबसे बड़ा खामियाजा किसानों को उठाना पड़ा है, उनकी फसलें बर्बाद हुई हैं। पिछले दो महीनों में राज्य के ग्रामीण इलाकों में दो हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। पवार ने सवाल उठाया कि आखिर किसान इतना बड़ा कदम क्यों उठाता है? वह अपनी जन क्यों देता है? इसका कारण है कि सरकार संकट के समय किसानों की मदद के लिए आगे नहीं आती।

पवार ने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए बताया कि जब वे कृषि मंत्री थे तो यवतमाल में एक किसान की आत्महत्या की खबर ने उन्हें विचलित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से इस मुद्दे पर बात की और दोनों यवतमाल गए। वहां मृतक किसान की पत्नी से मिलने के बाद पूरे मामले को समझा और तत्काल दिल्ली जाकर किसानों का कर्ज माफ किया।

शरद पवार ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, आज स्थिति क्या है? आज की सरकार किसानों की तकलीफ क्यों नहीं समझ रही? उनके संकट के समय समाधान क्यों नहीं निकाल रही?

शरद पवार की यह तीखी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राज्य की राजनीति आरक्षण विवाद और किसानों की समस्याओं के कारण उबाल पर है। उनकी चेतावनी ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और बड़ा रूप ले सकता है। वो भी तब जब कुछ ही महीनों में राज्यभर में स्थानीय निकाय चुनाव होने है।