13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिवसेना विधायक ने दिखाया बड़ा दिल, दो फ्लैट बेचकर बाढ़ पीड़ितों को दान किया 25 लाख

Shiv Sena MLA Sanjay Gaikwad: शिवसेना विधायक ने कहा कि किसानों और बाढ़ पीड़ितों की मदद करना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Oct 01, 2025

Shiv Sena MLA Sanjay Gaikwad

शिवसेना MLA संजय गायकवाड (Patrika Photo)

महाराष्ट्र (Maharashtra Flood) में मूसलाधार बारिश के चलते आई बाढ़ से मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र के किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। इस संकट की घड़ी में जहां सरकार, विभिन्न संस्थाएं और मंदिर-ट्रस्ट सब मदद के लिए आगे आए हैं, वहीं शिवसेना विधायक संजय गायकवाड ने मानवीयता और जनसेवा की मिसाल पेश की है।

जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता संजय गायकवाड ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये दान किए हैं। खास बात यह है कि उन्होंने यह रकम अपनी दो संपत्तियां बेचकर जुटाई है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने एक महीने का पूरा वेतन भी राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। गायकवाड ने कहा है कि किसानों और बाढ़ पीड़ितों की मदद करना ही आज उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

58 वर्षीय शिवसेना विधायक ने समाज के अन्य वर्गों से भी अपील की है कि वे आगे आकर बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद करें। उनके आवाहन के बाद सागवान के सरपंच देवा भाऊ दांडगे ने भी बड़ा दिल दिखाया और अपने पूरे एक साल का मानधन करीब 51 हजार रुपये मुख्यमंत्री सहायता निधि में देने की घोषणा की।

गायकवाड ने कहा, “मुख्यमंत्री सहायता निधि में भेजे गए 25 लाख रुपये तुरंत उन जरूरतमंदों तक पहुंचाए जाएं जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। मैं आगे भी किसानों और बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव मदद करता रहूंगा।”

संजय गायकवाड अपने बेबाक बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में मंत्रालय की कैंटीन में खराब खाना मिलने पर उन्होंने वहां के कर्मचारी की पिटाई कर दी थी। जिसके निंदा खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की थी और जनप्रतिनिधियों को ऐसी हरकतों से बाज आने की चेतानवी दी थी। लेकिन इस बार वे अपने एक अलग रूप में सामने आए हैं। उनकी यह पहल पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी है और लोग इसे एक संवेदनशील तथा जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की मिसाल मान रहे हैं।