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मुंबई में शिक्षकों का जेल भरो आंदोलन, पूर्व शिक्षा उपनिदेशक पर लगाए गंभीर आरोप, प्रधान सचिव को ज्ञापन सौंपा 

Mumbai Teachers Protest: पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मुंबई के शिक्षा उपनिदेशक संदीप सांगवे को निलंबित कर दिया था।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Aug 13, 2025

Mumbai Teachers Protest Sandeep Sangve

भ्रष्टाचार के खिलाफ शिक्षक संघ का मुंबई में जोरदार प्रदर्शन

मुंबई में बुधवार को जूनियर कॉलेज के लगभग 300 शिक्षकों ने आजाद मैदान में जेल भरो आंदोलन किया। प्रदर्शनकारी शिक्षकों का आरोप है कि मुंबई के तत्कालीन शिक्षा उपनिदेशक संदीप सांगवे (Sandeep Sangave) ने अपने कार्यकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया, शिक्षकों की समस्याओं को लगातार टालते रहे और बिना पैसे लिए कोई काम नहीं किया।

आंदोलन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रणजीत सिंह देओल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। देओल ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार मामले पर गंभीर है और एसआईटी पहले ही गठित की जा चुकी है। उन्होंने शिक्षकों को सबूतों के साथ शिकायत दर्ज करने के लिए कहा। प्रधान सचिव ने इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू होने की जानकारी दी।

शिक्षक संघ का कहना है कि संदीप सांगवे को भले ही निलंबित किया गया हो, लेकिन अभी तक शिक्षकों की शिकायतों का समाधान नहीं हुआ। आरोप है कि उनके कार्यकाल में नियुक्ति मंजूरी, वेतन भुगतान, और अन्य शैक्षिक प्रक्रियाओं में जानबूझकर अड़चनें डाली गईं। वेतन फाइलें बिना मंजूरी वापस भेजना, नियुक्तियों को पैसों के लिए रोकना, नियमों के विपरीत NOC की अनिवार्यता थोपना और मनचाहे उम्मीदवारों की भर्ती कराना जैसे मामले सामने आए हैं।

मुंबई डिविजनल जूनियर कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव मुकुंद आंधलकर ने कहा, “आज जेल भरो आंदोलन में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने हमारी समस्याएं सुनीं और समाधान का भरोसा दिया। लेकिन यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।”

इससे पहले 16 अप्रैल और 2 मई को भी शिक्षक संगठन ने मोर्चा और धरना देकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में पूर्व शिक्षा उपनिदेशक (मुंबई) संदीप सांगवे और भ्रष्टाचार में शामिल अन्य लोगों को सख्त सजा, लंबित नियुक्ति को जल्द से जल्द मंजूरी, नियमों के विपरीत दी गई मंजूरियों में सुधार और सभी शिक्षकों का वेतन हर महीने की पहली तारीख को जारी करना शामिल है।