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भाई के लिए क्या गठबंधन तोड़ देंगे उद्धव? राज ठाकरे को साथ लेने से कांग्रेस का इनकार, खिसियाई मनसे

Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) का कहना है कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के बीच गठबंधन पर बातचीत चल रही है, जल्द ही औपचारिक घोषणा की जाएगी।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 07, 2025

Raj Thackeray and Uddhav Thackeray unite

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Photo: IANS)

अगले कुछ महीनों में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) में शामिल किए जाने की अटकलों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस और महाविकास आघाडी को किसी नए साथी की जरूरत नहीं है। महाविकास आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख सपकाल ने कहा कि एमवीए में मनसे को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन के दलों के साथ हमारी बातचीत स्थानीय स्तर पर होगी। जिला, तालुका और नगरपालिका स्तर पर स्थानीय नेतृत्व को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी गई है। इसलिए कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी को नए साथी की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है, क्या ठाकरे भाईयों की संभावित नजदीकी महाविकास आघाडी के समीकरणों को बदल देगी?

मनसे ने दिया करारा जवाब

हर्षवर्धन सपकाल के बयान पर मनसे ने भी तुरंत जवाब दिया। पार्टी नेता अविनाश अभ्यंकर ने कहा, “कांग्रेस से किसी ने यह पूछा भी नहीं कि मनसे को गठबंधन में लेना है या नहीं। न तो हमने उनसे संपर्क किया और न ही उन्होंने हमसे। हर्षवर्धन सपकाल किस संदर्भ में बोल रहे हैं, यह समझ में नहीं आता।”

उन्होंने आगे कहा कि मनसे के सभी निर्णय राज ठाकरे ही लेते हैं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकातें पारिवारिक स्तर की हैं। उन्होंने कोई राजनीतिक बैठक नहीं की है। अगर हुई भी होगी तो हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। मनसे के साथ गठबंधन को लेकर उद्धव ठाकरे ने जो बयान दिया है, हम उसका सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे लिए राज ठाकरे का आदेश ही अंतिम है।

उद्धव ठाकरे गुट ने क्या कहा?

इस पूरे विवाद पर शिवसेना उद्धव गुट के नेता सचिन अहीर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक स्वतंत्र विचारधारा वाली पार्टी है और उसे अपनी राय रखने का पूरा अधिकार है। हर्षवर्धन सपकाल ने यह नहीं कहा कि महाविकास आघाडी में कोई मतभेद है। उन्होंने केवल इतना कहा कि गठबंधन पर चर्चा स्थानीय स्तर पर होगी।

शिवसेना उबाठा विधायक अहीर ने यह भी स्पष्ट किया कि मुंबई, पुणे, ठाणे, पिंपरी चिंचवड और नासिक जैसे शहरों में मराठी मतों का विभाजन रोकना हमारी प्राथमिकता है। कांग्रेस यदि कुछ क्षेत्रों में अपने दम पर चुनाव लड़ने का विचार रखती है, तो यह निर्णय शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर होगा।

उन्होंने आगे कहा, स्थानीय स्तर पर गठबंधन न होने का मतलब यह नहीं है कि वे विपक्षी गठबंधन छोड़ देंगे। उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के और एनसीपी के वरिष्ठ नेता बैठकर इस पर फैसला लेंगे।

गौरतलब हो कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की हाल की मुलाकातों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पहले से ही बढ़ी हुई थी। इस बीच कांग्रेस के बड़े नेता की इस टिप्पणी और मनसे की कड़ी प्रतिक्रिया ने एक नया मोड़ ला दिया है।

शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को एक बार फिर मुलाकात की। यह मुलाकात एक निजी समारोह में हुई। भाषा विवाद को लेकर जुलाई में आयोजित विजय रैली के बाद से ठाकरे भाईयों के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ गया है। इस वजह से स्थानीय चुनाव खाकर बीएमसी चुनाव में दोनों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं।