
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्वस्थ विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 41 अवैध हॉस्पिटल को सील कर दिया है। इसके साथ ही 33 अवैध नर्सिंग होम को नोटिस भी जारी किया गया है। अवैध या मानक पूरे नहीं करने वाले इन हॉस्पिटल और नर्सिंग होम और चिकित्सकों के खिलाफ चिकित्सा विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के पीछे इन अवैध अस्पतालों में आए दिन हो रही जच्चा-बच्चा की मौतों को बड़ी वजह माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दो सप्ताह के भीतर ही आधा दर्जन से अधिक जच्चा-बच्चा की मौत हो चुकी है।
बता दें कि अवैध रूप से बने अस्पतालों में लगातार जच्चा-बच्चा की मौत के मामले सामने आने के बाद देहात और शहरी क्षेत्र में फर्जी अस्पतालों पर जबरदस्त कार्रवाई की जा रही है। बुढ़ाना, मोरना, मीरापुर, जानसठ और खतौली समेत जिले के विभिन्न कस्बों में अवैध अस्पतालों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई है। इस दौरान बीयूएमएस डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर भी चलाते मिले हैं। इसके साथ ही बिना किसी लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोरों पर भी कार्रवाई की जा रही है। मुजफ्फरनगर में स्वास्थ्य विभाग ने अवैध अस्पतालों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। शहर के भी कई अस्पताल सीएमओ ने सील कर दिए हैं।
सीएमओ ने खुद टीम गठित कर की छापेमारी
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में पिछले 2 सप्ताह से आए दिन किसी न किसी अवैध अस्पताल से जच्चा और बच्चा के मरने की खबर आ रही थी। आधा दर्जन से भी ज्यादा जच्चा और बच्चा की मौत इन अवैध अस्पतालों में हो चुकी है। मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर खुद नेतृत्व करते हुए छापेमारी की है।
इन अस्पतालों को किया गया सील
इस अभियान के तहत रुड़की रोड पर स्थित आस्था हॉस्पिटल, इंडियन हॉस्पिटल, सेवा डायग्नोस्टिक केयर आदि को सीएमओ महावीर सिंह फौजदार ने सील करा दिया है। इसके अलावा जेएनयू हॉस्पिटल पर कार्यवाही की गई है। अपेक्स हॉस्पिटल भी सील कर दिया गया है।
Published on:
13 Sept 2022 12:15 pm
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