इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा अपने अपने विभाग की संचालित कल्याणकारी योजनाओं से उपस्थित से जनसमूह को अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त सुपोषण स्वास्थ्य मेला में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच जिसमें हीमोग्लोबिन, यूरिन एवं ब्लड प्रेशर की जांच की गयी। इसके अन्तर्गत किशोरियों एवं बालिकाओं की हिमोग्लोबिन एवं स्वास्थ्य जांच टीटी का इंजेक्शन, बच्चों की स्वास्थ्य जांच भी की गयी।
जिलाधिकारी द्वारा सुपोषण स्वास्थ्य मेले में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई भी की गयी एवं माताएं द्वारा अपने घर से फल सब्जी से बने स्वादिष्ट व्यंजन लाये गये। जिलाधिकारी ने 5 बालिकाओं को स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये। जिलाधिकारी ने बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को पोष्टाहार वितरित किया।
उन्होंने कहा कि 6 माह के ऊपर के छोटे बच्चे जो आगे देश का भविष्य है उनके पोषण का पूर्ण ध्यान रखा जाये। बच्चे के 6 माह पूर्ण होने पर उसे ऊपरी आहार दिया जाना सुनिश्चत किया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि इसमें परिवार के सभी सदस्यों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही वह बच्चे हैं जो आगे युवा बनेंगे, अगर युवा ही कमजोर होगा तो जनपद, प्रदेश व देश का भविष्य कैसा होगा। इसलिए हमें इस और बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। खासकर 6 माह के बाद के बच्चों पर।