script8 मुसलमानों के कत्ल के आरोपी की हत्या से मचा हड़कंप, मौके पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात | murder of accused of killing eight muslims in muzaffarnagar riots | Patrika News

8 मुसलमानों के कत्ल के आरोपी की हत्या से मचा हड़कंप, मौके पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात

locationमुजफ्फरनगरPublished: Nov 12, 2018 11:11:17 am

Submitted by:

lokesh verma

जेल से जमानत पर बाहर आए मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी का गोली लगा शव मिला, हत्या का केस दर्ज

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8 मुसलमानों के कत्ल के आरोपी की हत्या से मचा हड़कंप, मौके पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात

मुजफ्फरनगर. गांव कुटबा में उस समय हड़कंप मच गया। जब एक 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी दलित रामदास उर्फ काला का शव उसी के घर में मिला। रामदास के शव पर गोलियों के निशान मिले हैं, जिसके चलते ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताई है। रामदास के भाई का कहना है कि कुछ हथियाबंद लोगों ने घर में घुसकर उसको गाोली मारी है। बता दें कि रामदास पर समुदाय विशेष के 8 लोगों की हत्या का आरोप था। वह हाल ही में जेल से जमानत पर बाहर आया था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि कहीं उसकी मौत में बदला लेने के लिए तो नहीं की गई। वहीं कुटबा गांव में भारी संख्या में अतिरिक्त पुलिस और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
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दरअसल, मामला थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव कुटबा का है। जहां शनिवार को गांव निवासी दलित युवक रामदास उर्फ काला पुत्र खजान का गोली लगा शव घर में मिलने से सनसनी फैल गई। मामले की जानकारी पुलिस को मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची। बता दें कि मृतक राम दास उर्फ काला के खिलाफ 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे का मुकदमा दर्ज था। जिसमें वह जेल चला गया था और फिलहाल जेल से जमानत पर बाहर आया हुआ था। रामदास की मौत के बाद उसके घर पर ग्रामीणों और पुलिस का जमावड़ा लग गया। पुलिस प्रथम दृष्टया मामले को आत्महत्या मानकर चल रही है।
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वहीं ग्रामीण इसे हत्या करार दे रहे हैं, क्योंकि मृतक के पास से पुलिस को कोई हथियार भी बरामद नहीं हुआ है। रामदास के भाई का कहना है कि कुछ हथियाबंद लोगों ने घर में घुसकर उसको गाोली मारी है। रामदास के भाई के मुताबिक, बाइक पर आए कुछ लोग उसके घर में घुस आए और उसके कनपट्टी से सटाकर गोली मार दी। इससे रामदास की मौके पर ही मौत हो गई। उस वक्त रामदास के दो बेटे और बेटी घर के पहले माले पर थे, जबकि पत्नी घर पर नहीं थी। परिवारवालों का कहना है कि पड़ोसियों ने हमलावरों को हत्या करने के बाद भागते देखा है। पुलिस ने इस मामले में रामदास के भाई की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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उल्लेखनीय है कि 2013 में मुजफ्फरनगर हुए दंगों में कुटबा सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक था। रामदास का नाम 8 सितंबर 2013 को दंगों के बाद कुटबा में 8 लोगों की हत्या के मामले में दर्ज था। अब रामदास की हत्या को इसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। रामदास की हत्या का सुराग लगाने के लिए पुलिस ने पालदा गांव के एक शरणार्थी शिविर पर छापा मारा है। जहां दंगों के बाद से मुस्लिम रह रहे हैं। पुलिस इस कैंप में रहने वाले लोगों के मोबाइल फोन की भी जांच कर रही है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि रामदास की मौत के वक्त उनके मोबाइल की लोकेशन कहां थी। वहीं ऐहतियातन कुटबा गांव में अतिरिक्त पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। हालांकि मुजफ्फरनगर के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का मानना है कि रामदास की मौत के पीछे दंगों के केस से कोई संबंध नहीं है।
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