
मेड़ता सिटी (नागौर)। गर्भ में पल रहा 4 माह का बच्चा जन्म के बाद अपने पिता का चेहरा नहीं देख पाएगा। एक साल पहले 7 जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। मंगलवार रात्रि चम्पाखेड़ी स्थित मंदिर में पूजा-पाठ और सेवा कार्य कर वापस अपने गांव जलवाना लौट रहे पुजारी को वाहन ने कुचल दिया। उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिवार सहित गांव में गमगीन माहौल हो गया।
जानकारी के अनुसार जलवाना निवासी गजेंद्र दाधीच (29) अपने गांव से 12 किमी दूर चम्पाखेड़ी गांव में चारभुजा नाथ मंदिर में सेवा और पूजा-पाठ का काम करता था। मंगलवार रात को 8 बजे के करीब मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद गजेंद्र अपनी बाइक से वापस गांव जलवाना लौट रहा था। इसी दौरान पीछे से आए एक वाहन ने उसे कुचल दिया। राह गुजरता अन्य वाहन चालक उसे घायल हाल में चिकित्सालय लेकर पहुंचा। जहां से चिकित्सकों ने अजमेर रैफर कर दिया। उसनेे अजमेर ले जाते समय थांवला के समीप गजेंद्र ने दम तोड़ दिया। बुधवार सुबह पादूकलां थाने के कलंदर खान सहित पुलिस कर्मी एवं परिजनों की मौजूदगी में मेड़ता सीएचसी मोर्चरी में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। पादूकलां थाने में अज्ञात वाहन के खिलाफ मृतक के भाई सुरेंद्र दाधीच की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया।
नियति का यह कैसा संयोग
सुखेदव प्रसाद के परिवार पर पिछले दो-तीन सालों में दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। अब नियति का संयोग देखिए जिस जगह पुजारी गजेंद्र सिंह को अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी उसी जगह आज से करीब एक साल पहले गजेंद्र के भाई रविंद्र का भी एक्सीडेंट हुआ था। संयोगवश रविंद्र भी उस समय चम्पाखेड़ी मंदिर में पूजा करके लौट रहा था। एक्सीडेंट में रविंद्र का पैर टूट जाने से वो विकलांग हो गया। उसकी जगह पर उसका भाई गजेंद्र मंदिर की पूजा करने जाने लगा और अब उसकी भी दुर्घटना में मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार गजेंद्र के मां की भी ढाई-तीन साल पहले मृत्यु हो गई।
Published on:
11 May 2023 03:58 pm
बड़ी खबरें
View Allनागौर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
