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ट्रेन में सफर कर रहा था युवक, तभी आया हार्ट अटैक, छात्रा बनी ‘देवदूत’, CPR देकर बचाई जान

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें रोगी के दिल की धड़कन रुकने पर बाहरी दबाव डालकर रक्त प्रवाह को जारी रखने का प्रयास किया जाता है।

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CPR in Train

युवक को सीपीआर देती छात्रा। फोटो- पत्रिका

राजस्थान के परबतसर में ट्रेन में सफर के दौरान एक युवक को दिल का दौरा पड़ गया। ऐसे में परबतसर निवासी नर्सिंग छात्रा प्राची व्यास ने तत्काल सीपीआर देकर युवक की जान बचाई। जानकारी के अनुसार प्राची व्यास जोधपुर से ट्रेन में परबतसर आ रही थी।

एग्जाम देकर लौट रही थी छात्रा

उसी ट्रेन में यात्रा कर रहे सांचौर निवासी ओमप्रकाश नायक को दिल का दौरा आ गया। प्राची ने तुरंत प्राथमिक उपचार के तौर पर सीपीआर देकर उसकी जान बचाई। एम्स रायपुर से बीएससी नर्सिंग की छात्रा प्राची व्यास (26) नर्सिंग एग्जाम देकर लौट रही थी। इस दौरान एक युवक को हार्ट अटैक आ गया।

ऐसे स्थिति में प्राची घबराई नहीं और लगातार सीपीआर देकर युवक की जान बचा ली। इसके बाद यात्रियों ने टीटीई को इसकी सूचना दी। ऐसे में प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को परबतसर स्टेशन आने के बाद अस्पताल में जांच के लिए लाया गया।

क्या है सीपीआर

गौरतलब है कि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें रोगी के दिल की धड़कन रुकने पर बाहरी दबाव डालकर रक्त प्रवाह को जारी रखने का प्रयास किया जाता है। जब व्यक्ति का हार्ट पंप करना बंद कर देता है, तब हार्ट पर बाहरी दबाव बनाकर खून को हार्ट तक पहुंचाया जाता है।

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इसके साथ ही कुछ दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है। सीपीआर (CPR) देते समय रोगी की छाती पर लगभग 2 इंच (5 सेंटीमीटर) सीधा नीचे की ओर दबाव दिया जाता है। यह प्रक्रिया लगातार लगभग 20 मिनट तक की जानी चाहिए। इस दौरान व्यक्ति की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।