
problem of high blood pressure: नर्मदापुरम शहर के युवाओं में अब कम उम्र में ब्लड प्रेशर की शिकायत बढ़ रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि नए मरीजों में युवा मरीजों की संख्या ज्यादा है। जिनकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है। जिला अस्पताल में ही हाईपर टेंशन के 10 नए मरीजों में से 4 मरीज 30 से 40 वर्ष की उम्र के रहते हैं।
इन मरीजों की केस हिस्ट्री ली गई तो असंतुलित खानपान के साथ ही नींद में कमी मर्ज का बड़ा कारण है। देर रात तक मोबाइल में रील देखने और चेटिंग करने के लिए जागने से मरीज अनिंद्रा का शिकार हो गए। इनमें से कुछ केस ऐसे भी थे जिसमें मरीज को लम्बे समय से यह समस्या थी, लेकिन दूसरे मर्ज के इलाज के दौरान अचानक जांच के दौरान ब्लड प्रेशर की शिकायत सामने आई। शरीर में होने वाली कई बीमारियों की वजह ब्लड प्रेशर है।
ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष हाइपर टेंशन दिवस की थीम 'ब्लड प्रेशर को सटीकता से मापें, कंट्रोल करें, लंबा जिएं' है। इसका मतलब है स्वस्थ्य जीवन के लिए आपको समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहने चाहिए।
डॉक्टर्स का कहना है कि बोंडी क्लॉक में बदलाव के साथ टेंशन भरी जिंदगी लोगों के लिए इस बीमारी की बड़ी वजह बन रहा है। हाईपरटेंशन में टेंशन और गुस्सा शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण शारीरिक श्रम में कमी है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, मोटापा, अनुवांशिक, अत्याधिक तेल मसाले व चर्बी वाला भोजन करना, अत्याधिक मानसिक दवाब लेना, ज्यादा सोचना भी है।
डॉक्टर्स का कहना है कि युवाओं में कम उम्र में रोग बढ़ने का कारण लाइफ स्टाइल तेजी से बदल रही है। भोजन और सोने का समय तय नहीं है। दिनचर्या में बदलाव के कारण बॉडी क्लॉक में भी परिवर्तन आ रहा है। सोने, उठने, खाने और व्यायाम का समय बदलने के कारण बीमारियां भी घेर रहीं हैं। बॉडी क्लॉक में आए परिवर्तन के कारण लोगों को सबसे ज्यादा कोमन बीमारी हाईपरटेंशन की हो रही है। शरीर में होने वाली कई बीमारियों की वजह ब्लड प्रेशर है।
इस साल हाईपरटेंशन दिवस की थीम 'ब्लड प्रेशर को सटीकता से मापे, कंट्रोल करें, लंबा जिएं रखी गई है। इसका मतलब है स्वस्थ्य जीवन के लिए आपको समय-समय पर अपना बीपी चैक करते रहने की जरूरत है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील जैन ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अब 30 से 40 वर्ष की उम्र में भी बढ़ रही है। युवाओं में देर रात तक जागना व असंतुलित खानपान और शरीरिक श्रम की कमी बड़ा कारण है। उच्च रक्तचाप का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हार्ट, किडनी और बेन पर सबसे अधिक असर होता है। जिस कारण बेन अटैक होने की संभावना अधिक होती है। 30 के बाद हर 6 माह में ब्लड प्रेशर की जांच कराना चाहिए। व्यवस्थित दिनचर्या के साथ 7 से 8 घंटे की नींद लें। खान पान में सावधानी बरतें।
विशेषज्ञों के अनुसार 30 वर्ष की उम्र के बाद हर 6 माह में ब्ल्ड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। सभी सरकारी अस्पतालों में यह जांच नि: शुल्क होती है। सीने में दर्द होना, थोड़ा चलने में ही सांस फूलना, घबराहट होना, सांस लेने में परेशानी होना इस बीमारी के लक्षण है।
Published on:
17 May 2025 01:20 pm
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