Census 2027: भारत सरकार ने सोमवार, 16 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए घोषणा की है कि देश की अगली जनगणना साल 2027 में कराई जाएगी। यह जनगणना 2011 के बाद पहली जनगणना होगी। इसमें 1931 के बाद पहली बार जातिगत गणना भी शामिल की जाएगी। गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई।
अधिसूचना में बताया गया है कि जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 होगी, जबकि लद्दाख और हिमालयी राज्यों के बर्फीले और दुर्गम क्षेत्रों (जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए 1 अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि को संदर्भ तिथि माना जाएगा।
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में होने वाली जनगणना स्थगित कर दी गई थी। अब छह साल की देरी से यह महा exercise 2027 में पूर्ण की जाएगी, जो कि स्वतंत्र भारत की आठवीं और कुल सोलहवीं जनगणना होगी।
पहला चरण: हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO)
इस चरण में हर घर की भौतिक स्थिति, संपत्ति, सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की जानकारी एकत्र की जाएगी।
दूसरा चरण: जनसंख्या गणना (Population Enumeration - PE)
इसमें प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरणों के साथ-साथ जाति संबंधी जानकारी भी एकत्र की जाएगी।
जनगणना के इस महाअभियान में करीब 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा 1.3 लाख प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। खास बात यह है कि इस बार जनगणना डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए मोबाइल एप्लिकेशन और सेल्फ-एन्यूमरेशन (स्वयं जनगणना) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए डेटा सुरक्षा पर विशेष जोर देने की बात कही है। डेटा संग्रहण, ट्रांसमिशन और भंडारण के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की जानकारी का दुरुपयोग न हो।
जातिगत गणना को लेकर लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर मांग की जा रही थी। 2027 की जनगणना के माध्यम से पहली बार देश को आधिकारिक जातिगत आंकड़े उपलब्ध होंगे, जिससे विभिन्न वर्गों के लिए नीतियां और योजनाएं बेहतर ढंग से बनाई जा सकेंगी।
Updated on:
17 Jun 2025 06:52 am
Published on:
16 Jun 2025 01:16 pm