
देश के ज्यादातर शहर प्रदूषण की चपेट में आ चुके हैं।
Delhi AQI: दिल्ली में वायु की गुणवत्ता शुक्रवार को भी 'बहुत खराब' (Delhi's AQI Very Poor) दर्ज की गई। दिल्ली के अलावा देश के अन्य बड़े शहरों की हवा की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी नहीं दर्ज की गई। लेकिन छोटे शहरों और कस्बों की वायु गुणवत्ता का हाल तो कुछ ज्यादा ही खराब है।
दिल्ली के तापमान में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। दिल्ली का न्यूनतम तापमान शुक्रवार को 5.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से चार डिग्री कम था और यह लगातार दूसरे दिन इस मौसम का सबसे कम तापमान था।
5 दिसंबर यानी शुक्रवार की सुबह 8 बजे AQI 323 (बेहद खराब) दर्ज किया गया। एक दिन पहले यानी गुरुवार की शाम 4 बजे यह 304 (बेहद खराब) था। यह भी बताया जा रहा है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में कम से कम 7 दिसंबर तक AQI के "बेहद खराब" श्रेणी में रहने की उम्मीद है।
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) का कहना है कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत मैदानी इलाकों में चल रही तेज़ ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत मैदानी इलाकों को प्रभावित कर रही हैं। स्काइमेट का कहना है कि तेज़ हवाओं के चलते एक्यूआई लेवल बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हो रही है और इस समय दिल्ली और एनसीआर (Delhi-NCR AQI) का औसत एक्यूआई लेवल 300-310 के आसपास बना हुआ है।
India's Metro Cities AQI: देश के बड़े शहरों में दिल्ली में वायु गुणवत्ता तो लगातार खराब बनी हुई लेकिन इसके साथ ही पुणे, कोलकाता, अहमदाबाद की वायु गुणवत्ता भी किसी भी सूरत में अच्छी नहीं कही जा सकती है। दिल्ली में 5 दिसंबर की 11 बजे सुबह वायु गुणवत्ता 306 एक्यूआई दर्ज की गई। वहीं पुणे और कोलकाता की वायु गुणवत्ता की एक्यूआई क्रमश: 227 और कोलकाता की 214 मापी गई।
Top Polluted City of India: दिल्ली के मुकाबले पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के शहरों और कस्बों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। देश में 5 दिसंबर को 11 बजे सुबह सबसे खराब वायु गुणवत्ता पंजाब के कपूरथला की दर्ज की गई जबकि बिहार का नरकटियागंज इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा। कपूरथला का एक्यूआई 788 तो नरकटियागंज का 708 दर्ज किया गया।
दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार रहे जसपाल सिंह सिद्धू पिछले कई सालों से बठिंडा और चंडीगढ़ में रह रहे हैं। उनका कहना है कि देश के लोगों को साफ हवा, साफ पानी भी नसीब नहीं है। सरकार दिनभर विकास का ढोल पीटती है लेकिन हमें अंतत: जीने के लिए साफ हवा और पानी ही चाहिए। हम सांसों के जरिए हवा नहीं जहर पी रहे हैं।
Updated on:
05 Dec 2025 01:06 pm
Published on:
05 Dec 2025 12:12 pm
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