
—अमित पुरोहित
Explainer: अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की नई इमिग्रेशन नीति अब विदेशी छात्रों, खासकर भारतीयों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। वीजा रद्द होते ही अब विद्यार्थियों को देश छोड़ना होगा, चाहे उन्होंने कोई गंभीर अपराध किया हो या सिर्फ उनके नाम कोई ट्रैफिक चालान ही क्यों न कटा हो। आइए, जानते हैं ट्रंप राज में भारतीय सहित विदेशी विद्यार्थी क्यों परेशान हैं…
पहले, अगर किसी स्टूडेंट का वीजा रद्द हो जाता था, तो वह अमरीका में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता था, बस दोबारा देश में प्रवेश नहीं कर सकता था। अब, अगर वीजा रद्द होता है, तो:
— सेवी रिकॉर्ड (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इंफॉर्मेशन सिस्टम) तुरंत खत्म किया जाता है।
— ओपीटी (ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) के तहत काम करने का अधिकार भी छिन जाता है।
— छात्र का वैध कानूनी दर्जा भी समाप्त हो जाता है, उसे तुरंत निर्वासित किया जा सकता है।
कई विद्यार्थियों ने मुकदमे किए हैं, जिनमें अदालतों ने माना कि सरकार ने बिना ‘न्यायिक प्रक्रिया’ के विद्यार्थियों का दर्जा रद्द किया। अदालत में सरकार ने स्वीकार किया कि उन्होंने बिना व्यक्तिगत समीक्षा के केवल क्राइम डाटाबेस (एनसीआइसी) के आधार पर 6,400 विद्यार्थियों को चिह्नित किया।
छोटे अपराध, जैसे ट्रैफिक चालान या यूनिवर्सिटी नियम उल्लंघन। कोई चार्ज नहीं, फिर भी सिर्फ रिकॉर्ड में नाम आने पर स्टेटस खत्म। कई मामलों में पुलिस केस वापस हो चुके हैं, फिर भी विद्यार्थी निशाने पर हैं।
4,736 विद्यार्थियों के सेवी रिकॉर्ड 20 जनवरी 2025 के बाद खत्म किए गए हैं, इनमें सबसे अधिक भारतीय हैं, अन्य में चीनी, नेपाली, दक्षिण कोरियाई और बांग्लादेशी भी प्रभावित।
इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि यह सरकार को यह छूट दे रहा है कि वह बिना किसी कारण के वीजा रद्द कर विद्यार्थी को निष्कासित कर सके। विद्यार्थियों को अपराधी ठहराने के लिए पुराने नियमों को एकतरफा बदल दिया गया है।
Updated on:
02 May 2025 10:01 am
Published on:
02 May 2025 06:39 am
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