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Explainer: ट्रंप की नई नीति से भारतीय छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित, अमेरिका में शिक्षा का सपना हुआ मुश्किल

Explainer: अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की नई इमिग्रेशन नीति विदेशी छात्रों, खासकर भारतीय विद्यार्थियों के लिए चिंताजनक बन गई है। अब अगर किसी छात्र का वीजा रद्द होता है, तो उसे तुरंत देश छोड़ना होगा।

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—अमित पुरोहित
Explainer:
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की नई इमिग्रेशन नीति अब विदेशी छात्रों, खासकर भारतीयों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। वीजा रद्द होते ही अब विद्यार्थियों को देश छोड़ना होगा, चाहे उन्होंने कोई गंभीर अपराध किया हो या सिर्फ उनके नाम कोई ट्रैफिक चालान ही क्यों न कटा हो। आइए, जानते हैं ट्रंप राज में भारतीय सहित विदेशी विद्यार्थी क्यों परेशान हैं…

वीजा रद्द होते ही होता है क्या?

पहले, अगर किसी स्टूडेंट का वीजा रद्द हो जाता था, तो वह अमरीका में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता था, बस दोबारा देश में प्रवेश नहीं कर सकता था। अब, अगर वीजा रद्द होता है, तो:

— सेवी रिकॉर्ड (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इंफॉर्मेशन सिस्टम) तुरंत खत्म किया जाता है।
— ओपीटी (ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) के तहत काम करने का अधिकार भी छिन जाता है।
— छात्र का वैध कानूनी दर्जा भी समाप्त हो जाता है, उसे तुरंत निर्वासित किया जा सकता है।

क्या कहती हैं अदालतें?

कई विद्यार्थियों ने मुकदमे किए हैं, जिनमें अदालतों ने माना कि सरकार ने बिना ‘न्यायिक प्रक्रिया’ के विद्यार्थियों का दर्जा रद्द किया। अदालत में सरकार ने स्वीकार किया कि उन्होंने बिना व्यक्तिगत समीक्षा के केवल क्राइम डाटाबेस (एनसीआइसी) के आधार पर 6,400 विद्यार्थियों को चिह्नित किया।

कैसे बना रहे विद्यार्थियों को निशाना?

छोटे अपराध, जैसे ट्रैफिक चालान या यूनिवर्सिटी नियम उल्लंघन। कोई चार्ज नहीं, फिर भी सिर्फ रिकॉर्ड में नाम आने पर स्टेटस खत्म। कई मामलों में पुलिस केस वापस हो चुके हैं, फिर भी विद्यार्थी निशाने पर हैं।

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सबसे अधिक भारतीयों पर असर?

4,736 विद्यार्थियों के सेवी रिकॉर्ड 20 जनवरी 2025 के बाद खत्म किए गए हैं, इनमें सबसे अधिक भारतीय हैं, अन्य में चीनी, नेपाली, दक्षिण कोरियाई और बांग्लादेशी भी प्रभावित।

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विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि यह सरकार को यह छूट दे रहा है कि वह बिना किसी कारण के वीजा रद्द कर विद्यार्थी को निष्कासित कर सके। विद्यार्थियों को अपराधी ठहराने के लिए पुराने नियमों को एकतरफा बदल दिया गया है।