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Explainer: भारत-पाक के बीच टूटती संधियां, नेहरू-लियाकत समझौता सहित इन 8 पर मंडराया खतरा

पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में नई दरार डाल दी है। दशकों से चले आ रहे अहम द्विपक्षीय समझौते अब खतरे में हैं। आइये दोनों देशों के बीच हुए प्रमुख समझौतों और उनके मौजूदा हालात पर एक नजर डालें।

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-पुष्‍पेश शर्मा
Agreements Between India and Pakistan:
कश्मीर के पहलगाम हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता स्थगित करने जैसे कई कठोर कदम उठाए हैं, इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी शिमला समझौता निलंबित कर दिया है। यहां जानते हैं दोनों देशों के बीच अब तक हुए अहम समझौते और उनका मौजूदा स्वरूप क्या है।

1- नेहरू-लियाकत समझौता (1950)

मकसद : दोनों देशों की सरकारें अपने-अपने देशों में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करेंगी। इनके अधिकारों की रक्षा और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए अल्पसंख्यक आयोग का गठन भी शामिल था।
क्या हुआ : भारत में अल्पसंख्यकों को फलने-फूलने की आजादी मिली, पाकिस्तान में खूब जुल्म ढाए गए।

2- सिंधु जल संधि (1960)

मकसद : संधि के तहत पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को और पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का पानी भारत को दिया गया।
क्या हुआ : संधि 65 वर्ष तक प्रभावी रही। पहलगाम हमले के बाद भारत ने इसे निलंबित करने का ऐलान किया है।

3- शिमला समझौता (1971)

मकसद : समझौते में तय हुआ कि कोई भी पक्ष एकतरफा कार्रवाई नहीं करेगा। दोनों देशों के बीच विवादों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाएगा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) का सम्मान करना होगा।
क्या हुआ : अब पाकिस्तान ने समझौता तोडऩे का ऐलान किया है। एलओसी की बाध्यता खत्म हो जाएगी, जिससे दोनों देश एक-दूसरे के क्षेत्रों में हमला कर सकते हैं।

4- धार्मिक स्थलों की यात्रा पर प्रोटोकॉल (1974)

मकसद : भारत और पाकिस्तान के तीर्थस्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाना है। 2018 तक इस समझौते में पाकिस्तान में 15 और भारत में पांच ऐसे स्थान शामिल हैं।
अब क्या : फिलहाल इसे निलंबित करने की बात नहीं।

5- परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी पर समझौता (1988)

मकसद : दोनों देश हर वर्ष एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में सूचित करेंगे। संधि के मुताबिक दोनों देश प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से ऐसा कार्य नहीं करेंगे, जिनसे परमाणु प्रतिष्ठानों को नुकसान हो।
अब क्या : इस वर्ष तक दोनों देशों ने जानकारी मुहैया करवाई। पाकिस्तान अब समझौता खत्म करने की बात कह रहा।

6- हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की रोकथाम (1991)

मकसद : दोनों देशों के बीच अनजाने में हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जोखिम को कम करना। सैन्य विमान एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र के 10 किमी के भीतर उड़ान नहीं भरेंगे। पूर्व अनुमति के बिना हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं।
अब क्या : पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए तत्काल प्रभाव से अपना हवाई क्षेत्र बंद दिया।

7- लाहौर घोषणा (1999)

मकसद : दक्षिण एशिया में सैन्य तनाव को कम करना। दोनों देशों के बीच परमाणु दौड़ को खत्म कर आपसी टकराव से बचना।
क्या हुआ : समझौते के मुश्किल से ढाई महीने के बाद पाकिस्तान ने करगिल युद्ध छेड़ दिया और समझौता स्वत: खत्म हो गया।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी को तरसेगा, सिंधु जल संधि खत्म करने का प्लान तैयार: अमित शाह की बैठक में बड़ा फैसला

8- एलओसी युद्धविराम समझौता (2003)

मकसद : नियंत्रण रेखा और संघर्ष विराम की दिशा में सहमति।
क्या हुआ : 2008 से पाकिस्तान ने नियमित उल्लंघन किया। 2021 में दोनों देशों ने समझौते पर प्रतिबद्धता जताई, लेकिन पाक सेना ने समझौते का उल्लंघन जारी रखा। भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

(इसके अलावा बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण की पूर्व सूचना, परमाणु खतरों और रेडिएशन के खतरों को कम करने जैसे समझौते भी दोनों देशों के बीच हुए। )

#PahalgamAttackमें अब तक