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मैं RSS की इस बात की तारीफ़ करूंगा…, जानें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ऐसा क्यों कहा?

एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह से RSS पर कांग्रेस के हमलों को लेकर सवाल पूछा गया। इसी दौरान उनसे पूछा गया कि क्या वे RSS को राष्ट्र-विरोधी मानते हैं?

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DIGVIJAY SINGH

DIGVIJAY SINGH (file photo)

राजनीति में अक्सर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और कांग्रेस आमने-सामने दिखाई देते हैं। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई शीर्ष नेता RSS पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन इस बार मामला बिल्कुल उलटा नजर आया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान RSS की एक बात की खुलकर तारीफ़ की है। आइए समझते हैं कि उन्होंने आखिर क्या कहा और क्यों कहा।

दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?

एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह से RSS पर कांग्रेस के हमलों को लेकर सवाल पूछा गया। इसी दौरान उनसे पूछा गया कि क्या वे RSS को राष्ट्र-विरोधी मानते हैं? जवाब में दिग्विजय सिंह ने साफ कहा, "मैं आरएसएस को राष्ट्र-विरोधी नहीं कहूंगा।" इसके बाद उन्होंने संघ की विचारधारा पर टिप्पणी करते हुए कहा, "RSS की एक बात की मैं तारीफ़ करना चाहूंगा कि उनका 1925 से लेकर आज तक का एजेंडा एक ही है—‘हिंदू राष्ट्र’। यह लोग अपने एजेंडे से इधर-उधर नहीं जाते।” उनका यह बयान राजनीतिक माहौल में बड़ी चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि कांग्रेस और RSS के रिश्ते हमेशा टकराव वाले माने जाते हैं।

“RSS प्रचारक को सिर्फ हिंदू राष्ट्र दिखाई देता”

दिग्विजय सिंह ने संघ की कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि RSS प्रचारक केवल अपने एजेंडे पर ही केंद्रित रहते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "मैं मज़ाक में कहता हूं कि जैसे सड़क पर चलते समय तांगे के घोड़े को सिर्फ सड़क दिखती है, उसी प्रकार RSS प्रचारक को सिर्फ ‘हिंदू राष्ट्र’ दिखाई देता है। इधर-उधर वह देख भी नहीं पाता।” सिंह का दावा है कि संघ एक ही विचारधारा पर लगातार चलता है और उसी में खोया रहता है।

RSS लोकतंत्र के पक्ष में नहीं — दिग्विजय सिंह

RSS की तारीफ़ करने के साथ ही दिग्विजय सिंह ने संघ पर हमला भी बोला। उन्होंने आरोप लगाया, “RSS ने आज तक भारतीय संविधान को स्वीकार नहीं किया। उनकी विचारधारा लोकतंत्र के पक्ष में नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही RSS को दुनिया का सबसे बड़ा NGO बताते हों, लेकिन यह संगठन आज तक अनरजिस्टर्ड है। सिंह ने सवाल उठाया, “देश में बिना रजिस्ट्रेशन के कोई अन्य NGO काम कर सकता है क्या? फिर RSS पर नियम क्यों लागू नहीं होते?”