
Shivraj Singh's tweet angered over the issue of 11 questions of farmers। फोटो: पत्रिका
Agricultural Minister Shivraj Singh Interview: जलवायु परिवर्तन और बढ़ती आबादी की जरूरतों के साथ कृषि के क्षेत्र में नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। खेती की लागत बढ़ रही है। ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि मंत्रालय की तैयारी क्या है? इस बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान(Central Agricultural Minister Shivraj Singh Chouhan) ने पत्रिका से बातचीत में कहा, खेती-किसानी में बीज ही ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। यदि बीज अच्छे होंगे तो उपज भी बेहतर होगी। इसलिए राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन शुरू किया गया है। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…
जवाब- खेती के लिए काम करना है तो खेतों में और किसानों के बीच जाना ही पड़ेगा। मेरी कोशिश रहती है कि देश के हर हिस्से में जाकर, हर राज्य में जाकर किसानों से सीधी बात करूं। खेतों में जाऊं। लोगों के बीच रहूं और उनकी समस्याएं समझूं। इसलिए कृषि उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, लाभप्रद बनाने के लिए उनसे चर्चा करके योजना बनती है तो बहुत बेहतर होता है। उसके परिणाम बहुत अच्छे आते हैं।
जवाब-- राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन शुरू किया गया है। उद्देश्य रसायनमुक्त, जलवायु-स्मार्ट, टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है। क्लस्टर बनाकर प्राकृतिक खेती को लगातार प्रोत्साहित किया जाएगा। मिशन में स्थानीय पशुधन आधारित प्राकृतिक खेती, विविध फसल प्रणाली और जैव-इनपुट संसाधन केंद्रों की स्थापना पर बल दिया गया है।
जवाब-- देखिए, विकसित भारत के लिए ‘विकसित खेती और किसान हमारा’ मंत्र है। हमारी रणनीति उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, नुकसान हो जाए तो भरपाई करना, कृषि का विविधिकरण, प्राकृतिक खेती और धरती आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुरक्षित रहे। यह हमारा रोडमैप है।
जवाब-- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने उच्च उपज, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-लचीले बीजों के प्रचार के लिए ‘राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन’ शुरू किया है। किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। बीज वितरण प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है।
जवाब-- अभियान का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना, किसानों की उत्पादन लागत कम करना, वैज्ञानिक तकनीकों-नवाचारों की जानकारी देना है। अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा। हर साल खरीफ एवं रबी दोनों फसलों की बुआई से पहले चलाया जाएगा। अभियान के तहत 2,170 विशेषज्ञ टीमों द्वारा 65,000 से ज्यादा गांवों में किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा। इससे वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक सीधे खेतों तक पहुंचेगी।
Updated on:
26 May 2025 01:51 pm
Published on:
22 May 2025 06:56 am
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