शपथ ग्रहण से पहले महागठबंधन के साथ सरकार बनाने का ऐलान करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पुरानी बातों को भूलकर बिहार के विकास के लिए काम करने की बात कहीं थी। तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार को देश का सबसे अनुभवी और परिपक्व मुख्यमंत्री बताया था। करीब पांच साल बाद अब दोनों मिलकर फिर से बिहार में सरकार चलाएंगे।
इससे पहले मंगलवार को एनडीए छोड़ने और राज्यपाल से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नई सरकार के गठन की जानकारी दी थी। इस दौरान नीतीश कुमार ने साफ कहा कि, हमें सात राजनीतिक पार्टियों का सहयोग मिला है। सात दल के 164 विधायक मिलकर बिहार की सेवा करेंगे।
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इस्तीफे की घोषणा के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि बीजेपी ने हमेशा अपमानित करने का काम किया। जदयू को कमजोर करने की साजिश बीजेपी की ओर से की जाती रही। उन्होंने यह भी कहा कि, बीजेपी विधानसभा में अकेली पार्टी रह जाएगी। इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी लगातार अपमान करने का काम करती है। समाज में टकराव पैदा करने का काम करती है। जो बर्दाश्त करना मुश्किल है।
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नीतीश कुमार ने नेतृत्व में बनी नई महागठबंधन सरकार को जदयू के 45, आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16, हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है। 79 विधायकों के साथ राजद इस समय बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में मंत्रीमंडल में भी राजद का दबदबा रहने की संभावना जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार नई सरकार में 35 बनेंगे, जिसमें 16 राजद के खेमे से रहेंगे।
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– साल 2000 में नीतीश कुमार पहली बार सीएम बने। हालांकि बहुमत से कम संख्याबल होने के कारण उन्हें मात्र 7 दिन बाद इस्तीफा दे देना पड़ा था।
– 2005 में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर फिर से सत्ता में वापस लौटे। बिहार में एनडीए नेता के रूप में उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
– 2010 के विधानसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार पर जनता ने भरोसा किया। बहुमत से अधिक मत लेकर नीतीश ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली।
– 2013 में नरेंद्र मोदी के आम चुनाव के लिए प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करते हुए नीतीश ने एनडीए छोड़ा।
– 2014 में लोकसभा में मिली करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दिया, और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया।
– 2015 के फरवरी में नीतीश कुमार से नाराज जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद नीतीश फिर सीएम बने।
– 2015 में चुनाव में महागठबंधन के साथ नीतीश कुमार को जीत मिली और वो फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बने।
– 2017 में तेजस्वी पर घोटालों के आरोप लगने के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। फिर बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता में वापस लौटे।
– 2020 में जदयू और बीजेपी ने साथ मिलकर नीतीश कुमार ने बिहार के चुनाव में फिर से जीत हासिल की, वो सातवीं बार मुख्यमंत्री बने।
– 2022 अब बीजेपी पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा नीतीश एनडीए से अलग हुए और अब महागठबंधन के साथ बिहार में 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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