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‘देखो देखो कौन आया… गुजरात का शेर आया!’ पीएम मोदी के पहले चुनाव का वीडियो अब हो रहा वायरल

Throwback Video PM Modi : पीएम मोदी का अपने पहले चुनाव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 'देखो देखो कौन आया... गुजरात का शेर आया!' इससे वीडियो की शुरूआत होती है।

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Throwback Video pm modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के राजकोट में अपनी पहली चुनावी लड़ाई के लिए प्रचार करते हुए एक पुराना वीडियो शेयर किया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा है कि राजकोट का मेरे दिल में हमेशा एक विशेष स्थान रहेगा। 2002 में आज ही के दिन पीएम मोदी राजकोट से अपना पहला चुनाव जीतकर पहली बार गुजरात विधानसभा के सदस्य बने थे। उन्होंने पिछले अक्टूबर में ही गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी। पद पर बने रहने के लिए उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना आवश्यक था। राजकोट के इस उपचुनाव ने उन्हें मौका दे दिया।

पीएम मोदी का थ्रोबैक वीडियो वायरल

थ्रोबैक वीडियो को मोदी आर्काइव द्वारा शेयर किया गया था, जो एक ट्विटर हैंडल है। इसमें अभिलेखीय तस्वीरों, वीडियो और समाचार पत्र क्लिप के माध्यम से प्रधानमंत्री की जीवन यात्रा का वर्णन किया गया है। 'देखो देखो कौन आया... गुजरात का शेर आया!' इससे वीडियो की शुरूआत होती है। यह वीडियो राजकोट में उनके नामांकन दाखिल करने, चुनाव प्रचार करने और भाषण देने की क्लिप और छवियों का एक संग्रह है।

राजकोट को लेकर पीएम मोदी ने कही ये बात

पीएम मोदी ने इसे शेयर करते हुए कहा कि राजकोट का मेरे दिल में हमेशा एक विशेष स्थान रहेगा। यह इस शहर के लोग थे जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मुझे पहली बार चुनावी जीत दिलाई। तब से मैंने हमेशा जनता जनार्दन की आकांक्षाओं के साथ न्याय करने का काम किया है। उन्होंने सुखद संयोग बताते हुए कहा कि वह दो दिनों के लिए गुजरात में हैं, इस दौरान उनका एक कार्यक्रम राजकोट में होगा।

ऐसे हुई थी राजनीतिक यात्रा की शुरूआत

राजकोट में जीत के साथ मोदी को न केवल एक राजनेता के रूप में बल्कि एक दूरदर्शी नेता के रूप में अपनी योग्यता साबित की, जो बीजेपी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सक्षम है। 14,728 मतों के अंतर से उन्होंने जीत दर्ज की थी। यह उनके राजनीतिक कौशल का प्रमाण था और उस यात्रा की शुरुआत थी जिसने उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री से भारत के प्रधानमंत्री तक बदलते देखा। राजकोट में सफलता इसलिए महत्वपूर्ण थी, जब भाजपा को पार्टी की भावना और मनोबल को फिर से जीवंत करने के लिए एक मजबूत नेता की आवश्यकता थी।

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