
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी। (फोटो: IANS)
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में डर का माहौल बना हुआ है। ईशनिंदा के आरोप में हिंदुओं की पीट-पीटकर हत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में हुई हिंसा पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चिंता जताई है। उन्होंने 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की हत्या की कड़ी निंदा की। बताया गया है कि महीने की शुरुआत में बांग्लादेश के मयमनसिंह में दीपु चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। ओवैसी ने इस घटना को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के बाद भारत के कई शहरों-नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, मध्य प्रदेश और अगरतला-में विरोध प्रदर्शन किए गए। कई हिंदू संगठनों ने बांग्लादेशी दूतावासों के बाहर प्रदर्शन कर वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
ओवैसी ने कहा कि दीपू चंद्र दास की लिंचिंग बांग्लादेश के संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वहां का संविधान अनुच्छेद 41 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा, 'दीपू चंद्र दास के साथ जो हुआ, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह बेहद दुखद घटना है और हमारी पार्टी किसी भी तरह की लिंचिंग की कड़ी निंदा करती है।'
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह गलत है, लेकिन हमें अपने देश में हो रही घटनाओं को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को ओडिशा के संबलपुर में पश्चिम बंगाल के एक मजदूर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा उत्तराखंड में एमबीए कर रहे आदिवासी युवक एंजेल चकमा को भी बेरहमी से पीटा गया, जिसका 17 दिनों तक इलाज चला, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी।
Published on:
29 Dec 2025 04:43 pm
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