Patrika Survey: देश में लगाई गई इमरजेंसी के 50 साल बाद 66 फीसदी लोगों का मानना है कि सत्ता बचाने की रणनीति के तहत देश में लोकतंत्र का यह काला अध्याय लागू किया गया। साथ ही 65 फीसदी लोग मानते हैं अब लोकतंत्र ज्यादा मजबूत होने के कारण फिर से इमरजेंसी लगाने जैसी स्थिति नहीं बन सकती। 25 जून 1975 को आपातकाल (इमरजेंसी) लागू होने के 50 वर्ष पूरा होने पर पत्रिका की ओर से करवाए गए देशव्यापी सर्वे में लोगों की यह राय सामने आई। सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी राय दी। जानते हैं सर्वे के नतीजे…
1 हां, विस्तार से पता है 74
2 केवल नाम सुना है 24
3 बिल्कुल नहीं पता 2
1 आंतरिक अस्थिरता 24
2 विरोधी दलों की साजिश 4
3 न्यायपालिका का फैसला 6
4 सत्ता बनाए रखने की रणनीति 66
1 बिल्कुल उचित 15
2 आंशिक रूप से उचित 20
3 पूरी तरह अनुचित 65
1 हां, पूरी संभावना है 15
2 कुछ हद तक 12
3 नहीं, अब लोकतंत्र मजबूत है 66
4 तय नहीं 7
1 हां 75
2 नहीं 25
1 हां, अनुशासन आया 25
2 भ्रष्टाचार में कमी 5
3 योजनाओं में तेजी 5
4 नहीं, कुछ भी नहीं 65
1 मजबूत न्यायपालिका 28
2 स्वतंत्र मीडिया 16
3 नागरिकों की जागरूकता 56
1 लोकतंत्र की अहमियत 25
2 सत्ता का दुरुपयोग खतरनाक है 51
3 जनता की ताकत सर्वोपरि 24
1 हां 20
2 नहीं 65
3 कह नहीं सकते 15
1 हां 15
2 थोड़ी बहुत 15
3 बहुत कम 26
4 नहीं 44
1 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता 83
2 धार्मिक स्वतंत्रता 6
3 आंदोलन का अधिकार 9
4 शिक्षा का अधिकार 2
1 हां 61
2 नहीं 12
3 जिम्मेदारी जरूरी है 27
Updated on:
25 Jun 2025 11:52 am
Published on:
25 Jun 2025 07:10 am