सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि सहकारिता वाले कोई परिपत्र नहीं देखते। किसी भी तरह की आपदा आने पर मदद करने को तैयार हो जाते हैं। ये लोग बाढ़ हो, चक्रवात हो या किसी भी तरह की मदद की जरूरत, आगे आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज इस अवसर पर सरकार के आंदोलन को बल देने वाले सभी लोगों को याद करता हूं।
अमित शाह ने कहा, मैं इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की कामना करता हंू। सहकारिता आंदोलन की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सहकारिता से लाखों परिवार जुड़े हैं। सहकारिता गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए है। सहकारिता भारत के संस्कारों में हैं। सबको साथ लेकर चलना है। गृह मंत्री ने कहा कि इफको ने गरीब क्रांति को एक नई दिशा देने का काम किया है।
-
केंद्रीय गृह मंत्री जो पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री भी हैं, ने कहा कि सहकारिता गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए है। सहकारिता भारत के संस्कारों में हैं। सबको साथ लेकर चलना है। यह अभियान रुकना नहीं चाहिए। इसके काम का दायरा बढऩा चाहिए। सहकार से समृद्धि का नया मंत्र है। हम सभी को मिल-जुलकर एक लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करना है।