
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन (फोटोःIANS)
Putin India visit 2025: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं। शुक्रवार शाम को पुतिन नई दिल्ली पहुंचे। यहां प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद एयरपोर्ट पहुंचकर उनको रिसीव किया। चार साल बाद पुतिन की यह भारत यात्रा है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब रूस यूक्रेन जंग में फंसा है। अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते में गर्मजोशी फीकी पड़ रही है। आइए जानते हैं पुतिन के भारत दौरे पर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं…
सामरिक मामलों के एक्सपर्ट ब्रह्म चेलानी ने X पर पुतिन के दौरे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ब्रह्म चेलानी ने लिखा कि भारत के स्ट्रेटेजिक हितों के लिए U.S. और रूस दोनों के साथ मजबूत रिश्ते जरूरी हैं। नई दिल्ली के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपनी डिप्लोमेसी को इस तरह से ठीक करना है कि वॉशिंगटन और मॉस्को के साथ रिश्ते भारत की आजाद विदेश नीति को मजबूत करें, न कि उसे रोकें।
उन्होंने अपने लिखा कि यह देखते हुए कि हाल के सालों में U.S. की नीतियों ने, भले ही अनजाने में रूस को चीन के करीब ला दिया है, मॉस्को के साथ एक मजबूत पार्टनरशिप बनाए रखने में भारत की दिलचस्पी और भी जरूरी हो गई है। आज, रूस के साथ भारत की लंबे समय से चली आ रही पार्टनरशिप एक जैसा और आपसी फायदे का एक मॉडल बनी हुई है, जो नई दिल्ली के प्रति U.S. की ज्यादा असमान और कभी-कभी सजा देने वाली नीति के बिल्कुल उलट है।
ब्रह्म चेलानी कहते हैं, 'ट्रंप न सिर्फ़ पुतिन के नई दिल्ली दौरे पर करीब से नजर रखेंगे, बल्कि अपनी आदत के मुताबिक, ऐसे तरीकों से रिएक्ट करेंगे जो मॉस्को के साथ अमेरिका के खराब रिश्तों को सुधारने की उनकी अपनी कोशिशों को कमजोर करेंगे, जिसमें यूक्रेन में प्रॉक्सी वॉर खत्म करने की उनकी कोशिश भी शामिल है। पुतिन के साथ उनकी अलास्का समिट ने U.S. पॉलिसी में एक उभरते हुए स्ट्रेटेजिक बदलाव का संकेत दिया। फिर भी उनका बड़ा व्यवहार एक जैसा बिल्कुल नहीं है।'
रूस से एनरिच्ड यूरेनियम, फर्टिलाइजर और केमिकल के U.S. इंपोर्ट के बावजूद, ट्रंप को इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि उनका अपना एडमिनिस्ट्रेशन मॉस्को की वॉर मशीन को फंड करने में असरदार तरीके से मदद कर रहा है। इसके बजाय, उन्होंने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर सेकेंडरी बैन लगा दिए हैं, जबकि EU, जापान और तुर्की जैसे दूसरे बड़े रूसी एनर्जी खरीदारों को बख्श दिया है। यह दोहरा रवैया साफ दिखाता है कि ट्रंप का ट्रेड दबाव सिद्धांत से कम और जियोपॉलिटिकल सुविधा से ज्यादा है।
पुतिन के दौरे को लेकर भारत की पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव ने भारत-अमेरिकी संबंधों पर बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति आजाद रही है। कोई भी देश भारत पर दबाव नहीं डाल सकता, चाहे वह अमेरिका हो, चीन हो या रूस। हम दबाव में काम नहीं करते। हम बहुत बड़े और स्वाभिमानी देश हैं। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध अच्छे हैं। इसका मतलब यह नहीं कि हमारी स्ट्रेटजिक इंट्रेस्ट वाशिंगटन से तय किए जाएं।
भारतीय मीडिया चैनल इंडिया टूडे संग बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि भारत और चीन रूस के करीबी दोस्त देश हैं। पुतिन ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को समझदार नेता बताया है। पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी के साथ हमारे दोस्ताना और भरोसमंद संबंध हैं। वह एक बेहद भरोसेमंद व्यक्ति हैं। इस मायने में मैं बिल्कुल ईमानदारी से बात कर रहा हूं। भारत ख़ुशकिस्मत है कि उन्हें मोदी जैसा नेता मिला। वह भारत के लिए जीते और सांस लेते हैं।
पुतिन के भारत दौरे पर विदेशी मीडिया भी टकटकी लगाए देख रही है। BBC ने हेडलाइन दिया- Oil, Defense and Geopolitics: Why Putin Visiting Modi in Delhi, ब्रिटिश चैनल ने लिखा कि रूस दुनिया से अलग थलग नहीं है। उसके पास ग्लोबल साउथ जैसे बड़े रीजन में मजबूत साझेदार मौजूद हैं। खासकर तेल के कारोबार में रूस को भारत से बड़ी उम्मीदें हैं।
यूक्रेनी मीडिया ने इस मीटिंग को लेकर रिपोर्ट किया है। यूक्रेनी मीडिया ने लिखा कि रूस और भारत की दोस्ती दशकों पुरानी है। कीव इंडिपेंडेंट ने लिखा कि इस दौरे ने यह साबित कर दिया कि रूस दुनिया से अलग थलग नहीं है। वहीं, यूक्रेन में एक्सपर्ट्स इस बात से चिंतित हैं कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री मोदी अपने उस वादे पर टिके रहेंगे, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि भारत युद्ध खत्म कराने में मदद करेगा।
आज सुबह 11 बजे हैदराबाद हाउस में भारत-रूस की 23वीं सालाना समिट होगी। मोदी और पुतिन आज शाम बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे। रात में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में स्टेट डिनर देंगी। दोनों नेताओं की द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान भारत और रूस के बीच 25 से ज्यादा समझौतों पर मुहर लग सकती है।
Updated on:
05 Dec 2025 10:22 am
Published on:
05 Dec 2025 10:19 am
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