5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कानून का मजाक कैसे उड़ रहा…दिल्ली में अब पोस्टर-बैनर पर बढ़ा सियासी पारा, ‘आप’ का भाजपा पर बड़ा हमला

Delhi Politics: दिल्ली में पोस्टर-बैनर को लेकर राजनीति गरमा गई है। सीएम रेखा गुप्ता की कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

3 min read
Google source verification
Delhi Politics: कानून का मजाक कैसे उड़ रहा...दिल्ली में अब पोस्टर-बैनर पर बढ़ा सियासी पारा, 'आप' का भाजपा पर बड़ा हमला

Delhi Politics: दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने देश की राजधानी में मेट्रो के पिलर और दीवारों पर लगे पोस्टर-बैनर हटाने का नया अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत दिल्ली से पोस्टर-बैनर हटाए जा रहे हैं। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा "हिन्दुस्तान में कानून का मजाक कैसे उड़ाया जा रहा है। इसका दिल्ली से बड़ा उदाहरण कहीं नहीं मिलेगा। आप पूरी दिल्ली में घूमकर चले जाइए हर जगह दीवारों पर पोस्टर-बैनर लगे हैं। वो सब गैरकानूनी हैं। जो होर्डिंग्स लगी हैं, वो भी गैरकानूनी हैं।"

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा "स्वंय जेपी नड्डा जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने सरकारी दीवार पर भाजपा का सिंबल अपने हाथ से बनाया। इसपर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। कहीं पर एक कंप्लेन हुई। किसके बारे में- प्रधानमंत्री, जेपी नड्डा, अमित शाह, अरविंद केजरीवाल और मटियाला के हमारे काउंसलर के बारे में। इस कंप्लेन को दर्ज करते वक्त भाजपा का दवाब ऐसा था कि दिल्ली पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की वो केजरीवाल के खिलाफ दर्ज की। हालांकि यह बहुत छोटा मामला है, लेकिन ये पुलिस के हाथ में है कि किसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है और किसके खिलाफ नहीं।"

सीएम रेखा गुप्ता ने दिया पोस्टर-बैनर हटाने का निर्देश

दरअसल गुरुवार को दिल्ली के पीतमपुरा में निरीक्षण के दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने मेट्रो पिलर्स पर पोस्टर लगे देखे थे। उन्होंने गाड़ी रुकवाकर खुद पिलर साफ किया और इस पर कड़ी आपत्ति जताई। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा था "सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का अधिकार किसी के पास नहीं है। सीएम से लेकर अन्य व्यक्ति तक को नहीं। मेरा सबसे अनुरोध है कि दिल्ली को गंदा न करें। मेट्रो के खंभे हमारी दिल्ली की खूबसूरती हैं। यहां होर्डिंग, पोस्टर, बैनर नहीं लगाए जाने चाहिए।" इसके बाद दिल्ली से होर्डिंग्स, पोस्टर और बैनर हटाए जाने लगे।

यह भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस का एक्शन, Arvind Kejriwal पर एफआईआर दर्ज, जानें क्या है मामला?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिया था एफआईआर का आदेश

इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 11 मार्च को राजधानी में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए जनता के धन का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश जारी किया था। अदालत ने यह निर्देश शिकायत के आधार पर दिया, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति और संसाधनों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था।

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की। इस मामले में साल 2019 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसमें दावा किया गया था कि केजरीवाल, मटियाला से आम आदमी पार्टी के तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की तत्कालीन पार्षद नितिका शर्मा ने इलाके में कई स्थानों पर विशाल होर्डिंग्स लगवाकर जानबूझकर जनता के धन का गलत उपयोग किया है।

एसीजेएम ने दिया था जांच का आदेश

दिल्‍ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा मित्तल ने 11 मार्च को इस मामले में पुलिस को जांच कर आरोपियों की पहचान करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था "शिव कुमार सक्सेना नाम के व्यक्ति ने समय और तारीख के साथ ऐसे साक्ष्य दिए हैं। जिनसे पता चलता है कि अवैध बैनर पर केजरीवाल और अन्य आरोपियों के नाम के साथ-साथ उनकी तस्वीरें भी प्रकाशित की गईं। अपराध की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह न केवल आंखों में खटकने वाला और सार्वजनिक परेशानी पैदा करने वाला है, जिससे शहर की सुंदरता नष्ट हुई, बल्कि यातायात में बाधा डालकर उसके सुचारू प्रवाह के लिए भी खतरनाक है।"

इसपर राज्य के वकील ने दलील दी थी कि समय बीत चुका है और सबूत के तौर पर दी गई तस्वीरों में होर्डिंग बनाने वाली कंपनी का नाम नहीं है, लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा "यह मामला सीआरपीसी की धारा-156 (3) (संज्ञेय अपराध में पुलिस जांच का आदेश देने की मजिस्ट्रेट की शक्ति) के तहत स्वीकार किए जाने योग्य है। इसलिए संबंधित एसएचओ को दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम, 2007 की धारा-3 और मामले के तथ्यों से प्रतीत होने वाले किसी भी अन्य अपराध के तहत तत्काल एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है।" इसके बाद 27 मार्च को पुलिस ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम (PPA) के कथित उल्लंघन के तहत मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।

यह भी पढ़ें : मार्केट रिसर्च कंपनी में ईडी की छापेमारी, फोटो शूट के नाम पर ‘गंदे खेल’ का खुलासा

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इस मामले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। संजय सिंह ने कहा "पोस्टर लगाने के लिए शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और मनोज तिवारी का भी नाम लिखा था। कोर्ट ने इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन सिर्फ अरविंद केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज की गई है। इससे साबित होता है कि इस देश में सिर्फ बीजेपी का कानून चल रहा है।"