
आप विधायकों ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट लिया है या नहीं यह तय करना चुनाव आयोग का है काम: HC
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की ओर से ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में दायर की की याचिका पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आप विधायकों की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने कहा कि मामला पूरी तरह से राजनीतिक है और इसमें याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल भी व्हिसल ब्लोअर नहीं हैं। अब इस मामले को लेकर प्रशांत पटेल से क्रॉस एग्जामिनेशन किए जाने की जरूरत है। बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
अदालत ने सुनवाई के दौरान क्या कहा
आपको बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल से सवाल-जवाब करने के लिए आप विधायकों की ओर दी गई अर्जी को खारिज कर दिया था। चुनाव आयोग के इसी फैसले के खिलाफ आप विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर अदालत ने गुरुवार को सुनवाई की। अदालत ने सुनवाई के दौरान आप विधायकों के वकील से कहा कि आपने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट लिया है या नहीं यह तय करना चुनाव आयोग का काम है। आप इस मामले में सही भी हो सकते हैं और गलत भी। इस लिए इस मामले को चुनाव आयोग पर ही छोड़ देना चाहिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल से सवाल-जवाब को लेकर हाईकोर्ट आप विधायकों की दलील से पूरी तरह सहमत होते नहीं दिखे।
चुनाव आयोग ने क्या कहा था
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा था कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में आप विधायकों को याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल से आखिर सवाल-जवाब करने की क्या आवश्यकता है। चुनाव आयोग इस मामले को लेकर पहले ही केस से जुड़े हुए अहम सबूतों और दस्तावेजों को जमा कर चुका है। लिहाजा याचिकाकर्ता ने जो आरोप लगाए हैं इसे लेकर चुनाव आयोग कर तय करना है कि उन शिकायतों और दस्तावेजों के आधार पर आप विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है या नहीं। यदि बनता है तो उनके विधायक सदस्यता को रद्द कर दिया जाएगा।
Published on:
02 Aug 2018 07:28 pm
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