
दिल्ली: भीषण सड़क हादसे में हुई दादी-पोते की मौत मामले में नया खुलासा, बस में नहीं था स्पीड गवर्नर
नई दिल्ली। मंगलवार को राजधानी के नंदनगरी इलाके में दोपहर के करीब एक भीषण सड़के हादसे में दादी-पोते की मौत हो गई थी जिसपर बुधवार को एक नया चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल छानबीन के बाद बुधवार को खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि क्लस्टर बस में स्पीड गवर्नर यानी की स्पीड को नियमंत्रित करने वाला उपकरण नहीं लगा हुआ था। पुलिस ने बताया कि गोल चक्कर पर खड़ी आई-10 गाड़ी को पीछे से क्लस्टर बस ने पूरी रफ्तार के साथ टक्कर मारी। हालांकि बुधवार को पुलिस ने आरोपी क्लस्टर बस चालक बीर बहादुर को अदालत में पेश किया। जहां पर अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मृतक के परिवार वालों ने अमित की आंखें दान की
आपको बता दें कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को मृतक अमित के पिता पवन गर्ग ने अपने बेटे व मां की आंखे भी दान कर दी है। परिवार वाले चाहते थे कि अमित के शरीर के बाकी अंग भी दूसरों के काम आ जाएं, लेकिन हादसे में शरीर के बाकी अंग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया। हालांकि अमित की आंख को दान कर दिया गया है।
जांच-पड़ताल जारी
आपको बता दें कि इधर, टैक्नीकल टीम ने क्लस्टर बस का इंस्पेक्शन कर लिया है। शुरूआती जांच में पता चला है कि क्लस्टर बस के ब्रेक व अन्य सभी उपकरण सही नहीं थे। मामले की छानबीन कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया बीर बहादुर ने बिल्कुल भी ब्रेक मारने का प्रयास नहीं किया था। घटनास्थल पर टायर घिसटने के निशान भी नहीं मिले हैं। पुलिस की टीम मामले की छानबीन में जुटी है।
कैसे हुआ हादसा
बता दें कि 78 वर्षीय लीलावती और 31 वर्षीय अमित कुमार अपनी कार से जा रहे थे। ठीक उसकी कार के आगे-आगे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस जा रही थी। जैसे ही बस गोल चक्कर पर मुड़ी तो अचानक डीटीसी बस चालक ने ब्रेक लगा लगाया तो पीछे चल रही कार सवार अमित का भी ब्रेक लगाना पड़ा। तभ पीछे से आ रही एक क्लस्टर बस ने कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखचे उड़ गए और गाड़ी के अंदर लीलावती तथा अमित की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों दादी-पोते के शव गाड़ी के अंदर इस कदर फंस गए थे कि बाद में पुलिस के गैस कटर से कार को काटना पड़ा और दोनों के शव को बाहर निकाला गया। बता दें कि हादसे के बाद क्लस्टर बस चालक फरार हो गया, जबकि डीटीसी बस चालक हरिमोहन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। नंदनगरी थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कहां जा रहे थे कार में सवार दादी-पोता
आपको बता दें कि अमित कुमार गर्ग अपने परिवार के साथ 120, एजीसीआर एंक्लेव कड़कड़डूमा में रहते थे और पिता पवन कुमार गर्ग की गांधी नगर स्थित गारमेंट की दुकान पर साथ काम करते थे। अमित के परिवार ने कृष्णा नगर इलाके में जमीन खरीदी थी और इसकी रजिस्ट्री के लिए ही अमित मंगलवार को अपनी दादी को आई-10 कार से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के लिए निकले थे। लेकिन मंगलवार की दोपहर 12 बजे जब अमित ताहिरपुर की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने गोल चक्कर पर पहुंचे। तो उनकी कार के आगे रूट संख्या-33 की हरे रंग की डीटीसी बस जा रही थी। इसी दौरान गोलचक्कर पर मुड़ते हुए डीटीसी बस ने ब्रेक लगाया तो मजबूरन इसे भी अपनी कार का ब्रेक लगाना पड़ा। इसी दौरान गगन सिनेमा की ओर से आई रूट संख्या 165 की क्लस्टर बस ने कार में जोरदार टक्कर मार दी और कार दोनों बसों के बीच में फंस गई। जिसमें अमित और उनकी दादी लीलावती की मौके पर ही मौत हो गई।
Published on:
26 Jul 2018 11:44 am
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