
पुलिस चौकी में युवती से दरोगा ने किया रेप। दो बार कराया गर्भपात।
Sub Inspector Girl Rape: न्याय की चौखट पर खड़ी एक पीड़िता की कहानी, जो भरोसे के तार-तार होने का दर्द बयां करती है। यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि एक महिला के विश्वास, सुरक्षा और सम्मान के साथ हुए अन्याय की दिल दहला देने वाली दास्तान है। मामला गाजियाबाद जिले के लोनी थाना क्षेत्र की बंथला पुलिस चौकी से जुड़ा है, जहां जनता के रक्षक यानी खाकी पर भक्षक बनने का घिनौना आरोप लगा है। इसके बाद लंबे संघर्ष और न्यायालय के हस्तक्षेप पर लोनी पुलिस चौकी के पूर्व प्रभारी, दरोगा जयसिंह निगम के खिलाफ दुष्कर्म और धोखाधड़ी सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह एफआईआर पुलिस की उस कथित संवेदनहीनता पर भी सवाल खड़े करती है, जिसने एक पीड़ित महिला की गुहार को पहले अनसुना कर दिया था।
युवती के साथ चौकी में दुष्कर्म, फर्जी शादी और गर्भपात जैसी दर्दनाक वारदात की कहानी आज से करीब पांच साल पहले शुरू हुई थी। गाजियाबाद के साहिबाबाद थानाक्षेत्र की एक कॉलोनी निवासी युवती की शिकायत के अनुसार, साल 2019 में उसका एक पड़ोसी से विवाद हो गया था। इसकी शिकायत थाने में की गई। पुलिस ने उस वक्त साहिबाबाद थाने की एक चौकी में तैनात दरोगा जयसिंह निगम को जांच सौंपी गई। दरोगा जयसिंह ने पीड़िता को जांच के नाम पर कई बार चौकी पर बुलाया। इसी बीच उसने युवती को मदद करने का भरोसा दिलाया खुद को अविवाहित बताकर शादी के लिए प्रपोज कर दिया। इसके बाद उसने चौकी में ही युवती के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इससे युवती गर्भवती हो गई तो दरोगा ने उसका जबरन गर्भपात करवा दिया।
इस दौरान दरोगा का स्थानांतरण लोनी की बंथला चौकी पर हो गया। वहां भी उसने पीड़िता को बार-बार बुलाकर चौकी में ही मनमानी की। युवती फिर गर्भवती हो गई तो उसने आरोपी पर शादी के लिए दबाव डाला। इसपर आरोपी ने एक बार फिर उसे धोखे से दवा खिलाकर उसका गर्भपात करवा दिया। इसके बाद, जब पीड़िता ने अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तो डर से दरोगा ने खुद को अविवाहित बताकर 1 जुलाई 2024 को गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में उससे फर्जी विवाह कर लिया और पंजीकरण भी कराया, लेकिन झूठ की नींव पर टिकी युवती की खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई। पीड़िता को जल्द ही पता चला कि दरोगा पहले से ही शादीशुदा था। यह खबर उसके लिए आसमान टूटने जैसी थी। उसे समझ आ गया कि जिस पर उसने भरोसा किया, वह सिर्फ एक धोखेबाज है।
इसके बाद पीड़िता ने पुलिस की शरण ली, लेकिन उसे वहां न्याय नहीं मिला। पुलिस ने पीड़िता की आवाज ही दबाने की कोशिश की। जब कानून के रखवालों ने ही आंखें मूंद लीं तो न्याय की तलाश में युवती को गाजियाबाद न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। न्यायालय ने उसकी दर्दभरी दास्तान को सुना और आरोपी दरोगा के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद लोनी थाने में आरोपी दारोगा के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी, गैर-सहमति से गर्भपात और आपराधिक धमकी देने के मामलों में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीड़िता का दुख यहीं खत्म नहीं हुआ। आरोप है कि दरोगा ने उसके भाई को झूठे केस में फंसाकर उसे भी धमकाना शुरू कर दिया। ताकि वह चुप हो जाए। फिलहाल, दरोगा की तैनाती बरेली जिले में है। एसीपी लोनी सिद्धार्थ गौतम ने पुष्टि की है कि न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज हो चुका है और पीड़िता द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों की गहन जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
04 Oct 2025 03:01 pm
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