
Hanumangarhi Temple:An Miracle Temple
हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रुद्रावतार व चिरंजीवी माना जाता है। सनातन धर्म में हनुमान ही एक ऐसे भगवान है जिनकी पूजा कलयुग में सबसे ज्यादा की जाती है। यही कारण है कि पुरे भारत में हनुमान जी के कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर स्थित है।
देश में ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर देवभूमि में भी मौजूद है, जिसके संबंध में दावा किया जाता है कि यहां कोई भी सच्चा भक्त पूरी आस्था और विश्वास के साथ जो भी मनोकामना रखता है, वह पूरी हो जाती है।
जी हां, हम बात कर रहे है हनुमानगढ़ी मंदिर ( Hanumangarhi Temple Nainital ) की, यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित नैनीताल में स्थित यहां का सबसे प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह मंदिर नैनीताल के तल्लीताल से वेधशाला वाले मार्ग पर करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर समुंद्र की सतह से 1951 मीटर की ऊंचाई पर है।
मंदिर का निर्माण
बताया जाता है कि यह मंदिर “नीम करोली बाबा” के द्वारा 1950 में बनाया गया था। यहां इसके अलावा “शीतला माता मंदिर” और “लीला शाह बापू का आश्रम” ,पहाड़ी के दूसरी ओर स्थित है। इस मंदिर परिसर में 70 चरणों की चढ़ाई के बाद पहुंचा जा सकता है।
हनुमानगढ़ी मंदिर अधिक लोकप्रिय है क्योंकि यह 1950 में एक स्थानीय संत नीम करोली बाबा द्वारा बनाया गया था। वह नियमित रूप से भगवान हनुमान के आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर का दौरा भी करते हैं। यह मंदिर सैलानी , पर्यटकों और धार्मिक यात्रियों के लिए विशेष , आकर्षण का केंद्र है।
हनुमानगढ़ी मंदिर की मान्यता ( Beliefs of Hanumangarhi Temple Nainital ) : जब पेड़ पौधे भी भगवान राम का नाम जपने लगे...
इस “हनुमानगढ़ी मंदिर” के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से प्राथना कर मन्नत मांगता है वो अवश्य पूरी होती है। हर वर्ष इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर से पर्वत और हिमालय के कई सुन्दर दृश्य दिखाई देते हैं |
हनुमानगढ़ी मंदिर ( Hanumangarhi Temple Nainital ) के निर्माण के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले इस जगह पर घना जंगल था। जंगले में एक मिटटी का टीला था, जिसके समीप बैठकर बाबा नीम करोली ने एक साल तक “राम नाम” जपा था। यह सब देखकर वहां मौजूद पेड़ पौधे भी भगवान राम का नाम जपने लगे।
चमत्कार : जब पानी बन गया घी
यह अद्भुत दृश्य देखकर बाबा ने कीर्तन कराया। कीर्तन समाप्त होने के बाद भंडारा कराया , परन्तु प्रसाद बनाते समय घी कम गया तो बाबा ने पानी के एक कनस्तर को कढाई में डाल दिया , चमत्कार तब हुआ जब वह पानी स्वयं घी में परिवर्तित हो गया।
हनुमानगढ़ी मंदिर में खास( About Hanumangarhi Temple Nainital )
हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple Nainital) नैनीताल की सुन्दरवादियों में बहुत ही रमणीक जगह पर स्थित है। नैनीताल में हनुमानगढ़ी सैलानी, पर्यटकों और धार्मिक यात्रियों के लिए विशेष, आकर्षण का केन्द्र है। यहां से पहाड़ की कई चोटियों के और मैदानी क्षेत्रों के सुनहरे दृश्य दिखाई देते हैं।
इस पवित्र मंदिर में अष्ठधातु की बनी भगवान राम और सीता , भगवान कृष्ण की मूर्ति और बाबा नीम करोली महाराज की मूर्ति स्थापित है। हनुमानगढ़ी के पास ही एक बड़ी वेद्यशाला है।
इस स्थान में हनुमान मंदिर के अल्वा देवी मंदिर , शिव मंदिर और माता अंजना का मंदिर है। यह धार्मिक स्थल अपनी प्राकर्तिक सौन्दर्यता , ऊंचे-ऊंचे पर्वत , लहराते हुए हरे भरे पेड़ो और ठंडी हवाओं के कारण पर्यटकों के मन को भाने के लिए काफी है | इस पवित्र स्थान से शाम के समय पहाडियों में डूबते सूर्यास्त का नज़ारा बड़ा ही मनभावन दृश्य नज़ारा नज़र आता है |
हनुमानगढ़ी मंदिर ऐसे पहुंचे ( How to reach Hanumangarhi Temple Nainital )
हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल ( Hanumangarhi Temple Nainital ) से केवल 3.5 किमी की दूरी में स्थित है। देवभूमि उत्तराखंड का नैनीताल प्रमुख शहरों और कस्बों को जोड़ने वाली मोटर सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम और नैनीताल के लिए बसें दिल्ली से आसानी से उपलब्ध हैं । आप भीमताल के रास्ते भी नैनीताल पहुंच सकते हैं|
भीमताल के निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है , जो दिल्ली से 276 किलोमीटर और नैनीताल से 30 किमी दूर स्थित है। काठगोदाम से नैनीताल तक के लिए बस , टैक्सी , अपने निजी वाहन से भी हनुमानगढ़ी तक का सफ़र आसानी से तय कर सकते है |
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