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नोएडा

VIDEO रक्षा मंत्रालय के पूर्व अधिकारी की 87 वर्षीय पत्नी को हाॅस्पिटल में छोड़ गया बेटा, 6 दिन बाद भी नहीं लौटा तो बुलानी पड़ी पुलिस

बेटी बोली- सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया

नोएडाJan 19, 2019 / 01:51 pm

lokesh verma

noida

रक्षा मंत्रालय के पूर्व अधिकारी की 87 वर्षीय पत्नी को हाॅस्पिटल में छोड़ गया बेटा, 6 दिन बाद भी नहीं लौटा तो बुलानी पड़ी पुलिस

नोएडा. माता-पिता जीवनभर अपने बच्चों के लिए क्या नहीं करते, लेकिन कुछ बच्चे अपने मां-बाप की बुढ़ापे की लाठी बनने के बजाय उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देते हैं। इसी तरह का एक मामला नोएडा में सामने आया है। यहां एक हाॅस्पिटल में 87 साल की बुजुर्ग मां को उपचार के लिए छोड़कर गया बेटा 6 दिन बाद भी नहीं लौटा। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि बुजुर्ग महिला रक्षा मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी की पत्नी हैं। उनका बेटा उन्हें उपचार के बहाने अस्पताल में भर्ती कराकर गायब हो गया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बुजुर्ग उर्मिला गर्ग के अन्य परिजनों से संपर्क किया तो उनकी बेटी आर्इ आैर अस्पताल का बिल भरकर बुजुर्ग मां को अपने साथ ले गर्इ।
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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब बुजुर्ग महिला उर्मिला गर्ग की बेटी से बात की गर्इ तो उन्होंने बताया कि यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। वहीं उर्मिला का कहना है कि पति की मौत के बाद वह बेटे के साथ रह रही थीं। इस दौरान बेटे ने जबरन उनकी पेंशन पासबुक, चेक बुक आैर जेवर के साथ करीब 30 हजार रुपये ले लिए। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उर्मिला ने नोएडा सेक्टर-20 थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी सत्य प्रकाश अपनी पत्नी उर्मिला के साथ नोएडा के सेक्टर-27 में रहते थे। यह घर सत्य प्रकाश ने अपने बेटे रमाकांत के नाम कर दिया था। पिता की मौत के बाद रमाकांत ने उस घर को बेच दिया और सेक्टर-78 में फ्लैट खरीद लिया। इसके बाद उर्मिला बेटे रमाकांत और उसके परिवार के साथ नए फ्लैट में रहने लगी। बुजुर्ग उर्मिला ने बताया कि बेटे ने मेरी पेंशन ले ली और फिक्स्ड डिपॉजिट के पैसे भी ले लिए, लेकिन नए घर में शिफ्ट होने के बाद उसका और उसके परिवार का बर्ताव मेरे प्रति बदल गया। वह मुझे प्रताड़ना के साथ खाना भी नहीं देते थे आैर हर महीने मिलने वाली पति की 11 हजार की पेंशन के बाद मुझे घर छोड़ने को कहते थे।
इसी बीच 21 दिसंबर को खांसी-जुकाम की शिकायत होने पर बेटे ने उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया आैर इसके बाद नहीं लौटा। इस कारण उन्हें 2 दिसंबर तक अस्पताल में ही रहना पड़ा। इस मामले में एसएचओ सीता कुमारी ने बताया कि बेटे रमाकांत से मां को घर ले जाने की बात कही गर्इ, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ। पुलिस के अनुसार रमाकांत का कहना है कि वह खुद सीनियर सिटिजन है, ऐसे में वह मां का खर्च नहीं उठा सकता। उसका कहना है कि मां पूरी पेंशन बेटी को देती हैं तो उसी के साथ रहे।
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वहीं बेटी ने बताया कि मां और भाई के बीच तनाव था, लेकिन उसने कभी हस्तक्षेप नहीं किया, क्योंकि भाई का परिवार यह पसंद नहीं करता था। उसने बताया कि 2 जनवरी को महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन भाई के परिवार से मां को लेने कोई नहीं आया। इसके बाद सेक्टर-20 थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले में सेक्टर-20 के एसएचओ मनोज पंत का कहना है कि मामला पारिवारिक है और पुलिस उर्मिला के बेटे की काउंसलिंग नहीं कर सकती। वहीं उर्मिला के पोते तरुण का कहना है कि इसके पीछे प्रॉपर्टी विवाद है।

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