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कैराना उपचुनाव: भाजपा को मात देने के लिए अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने बनाया ये मास्टर प्लान

रालोद के लिए प्रचार करेंगे अखिलेश यादव और आजम खां तो भाजपा से सीएम योगी के आने की चर्चा

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नोएडा

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lokesh verma

May 12, 2018

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नोएडा. कैराना में लोकसभा उपचुनाव में प्रचार चरम पर है। भाजपा ने जहां अपने कद्दावर नेतओं को प्रचार में उतार दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जल्द आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। वहीं सपा भी रालोद के साथ अपना गठबंधन धर्म निभाते हुए अपने बड़े नेताओं यानी स्टार प्रचारकों को उतारने जा रही है। सपा की ओर से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और आजम खां के साथ कई दिग्गज प्रचार के लिए आएंगे तो वहीं रालोद की आेर से अजित सिंह और जयंत चौधरी प्रचार की कमान संभालेंगे।

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उल्लेखनीय है कि कैराना में नाम वापसी प्रक्रिया के बाद अब चुनाव मैदान में कुल 14 प्रत्याशी ही रह गए हैं। हालांकि कुल 16 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह और रालोद प्रत्याशी तबस्सुम के बीच माना जा रहा है। क्योंकि तबस्सुम को सपा से गठबंधन का फायदा मिल सकता है। जातीय समीकरणों को साधते हुए रालोद-सपा की ओर से कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची बनाई गई है। जिसमें अखिलेश यादव, आजम खां, अजित सिंह और जयंत चौधरी प्रमुख हैं। वहीं भाजपा की ओर से विधायक सुरेश राणा, दलित नेता और राज्यसभा सांसद कांता कर्दम के अलावा कई दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जल्द आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हालांकि जारी की गई सूची में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव , रामगोपाल और शिवपाल यादव का नाम नहीं है। यह बात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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हर वर्ग को साधेगा गठबंधन

सपा-रालोद गठबंधन ने हर वर्ग को साधने की तैयारी की है। महिलाओं को जोड़ने का जिम्मा रालोद प्रमुख अजित सिंह की पुत्र वधु चारू चौधरी को दिया गया है तो मुस्लिमों को लुभाने के लिए पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अय्यूब को भी अपना स्टार प्रचारक बनाया है। वहीं रालोद के सभी नेताओं को अब गांवों में जाकर डेरा डालने का आदेश दिया गया है। वे गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क करेंगे।

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भाजपा ने की किलेबंदी

2019 के आम चुनाव से पहले गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में करारी शिकस्त झेलने के बाद बीजेपी के लिए कैराना उपचुनाव नाक का सवाल बन चुका है। बीजेपी किसी भी कीमत पर अपनी इस सीट को खोना नहीं चाहती है। जिसके लिए कैराना में नेताओं और कार्यकताओं ने मोर्चा संभाला हुआ है। इतना ही नहीं विपक्ष की सेंधमारी को नाकामयाब करने के लिए पार्टी ने कैराना लोकसभा उपचुनाव में किलेबंदी भी शुरू कर दी है। भाजपा के हजारों कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ पर जाकर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।

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