
नोएडा। कैराना और बिजनौर के नूरपुर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। 28 मई को दोनों जगह वोटिंग होगी जबकि 31 मई को रिजल्ट आ जाएगा। आपको बता दें कि कैराना लोकसभा बाबू हुकुम सिंह और नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र चौहान के निधन से खाली हो गई थी। इन दोनों ही सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए बसपा सुप्रीमाे मायावती ने किसी को भी समर्थन ने देने की बात कही थी। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले उनको एक नसीहत दी थी।
यह कहा था अखिलेश यादव ने
कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि बसपा सुप्रीमो द्वारा उपुचनाव में सपा को समर्थन ने देने से गलत संदेश जाएगा। उनका कहना था कि बसपा या तो अपना उम्मीदवार उतारे या फिर सपा को सपोर्ट करे। दरअसल, माना जा रहा था कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव की तरह सपा और बसपा का गठबंधन कैराना व नूरपुर में भी अपना रंग दिखाएगा लेकिन मायावती के इस ऐलान के बाद अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
यूपी कांग्रेस उपाध्यक्ष ने रालोद का साथ देने का दिया संकेत
उधर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने भी सपा प्रदेश अध्यक्ष के उम्मीदवार खड़ा करने पर सवाल उठा दिए। उनका कहना था कि अगर कैराना से जयंत चौधरी चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी उनका समर्थन करेगी। आपको बता दें कि कैराना से रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के चुनाव लड़ने की चर्चा है। इन बयानों से उपचुनावों में होने वाले महागठबंधन पर ग्रहण लगता दिख रहा है।
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ये हैं भाजपा के संभावित उम्मीदवार
वहीं, कैराना से भाजपा की तरफ से हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह के चुनाव लड़ने की उम्मीद है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इस ओर इशारा भी कर चुके हैं। अगर बात नूरपुर विधानसभा की करें तो वहां से भाजपा की तरफ से लोकेंद्र चौहान की पत्नी के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है।
Published on:
27 Apr 2018 03:35 pm
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