
सहारनपुर. दो अप्रैल को हुई हिंसा के बाद दलितों के खिलाफ दर्ज हुए केसों के विरोध में चंद्रशेखर उर्फ रावण के भूख हड़ताल के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। अब तक रावण के जेल में भूख हड़ताल न करने का दावा करने वाले जेल अधीक्षक खुद ही बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने खुद ही स्वीकार किया है कि रावण भूख हड़ताल पर था। इसलिए उन्होंने उसे जबरदस्ती खाना खिलाकर उसकी भूख हड़ताल तुड़वाई है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर जब रावण जेल में भूख हड़ताल पर था तो जेल अधीक्षक झूठ क्यों और किसके दबाव में बोल रहे थे।
उल्लेखनीय है कि दो अप्रैल को देशभर में भारी हिंसा हुई थी। इस दौरान कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने दलितों के खिलाफ सैकड़ों मुकदमे दर्ज किए गए। इसी से आहत जेल में बंद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण सात अप्रैल से भूख हड़ताल पर चला गया था। लेकिन, जेल अधीक्षक डा. वीरेशराज शर्मा कहते रहे कि रावण भूख हड़ताल पर नहीं है और वह तीनों समय खाना खा रहा है। जबकि रावण से मिलने के बाद उसकी मां कमलेश और अन्य करीबी ये ही दावा कर रहे थे कि रावण भूख हड़ताल पर है। लेकिन, जेल अधीक्षक इसके बाद भी उनके दावों को खारिज करते रहे।
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अपने बयान से पलटे जेल अधीक्षक
इधर, शनिवार को जेल अधीक्षक डा. वीरेशराज शर्मा अपने बयानों से पलट गए। उन्होंने कहा कि भूख हडताल पर बैठे रावण को शनिवार को जबरन खाना खिलवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि बंदी नियमानुसार जेल में भूख हड़ताल नहीं कर सकते हैं। इसलिए रावण को खाना खिलवा दिया गया है।
Published on:
15 Apr 2018 12:30 pm
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