बजट 2018 के लिए इस शहर के अस्पताल में रिजर्व रखा गया एक वार्ड, पेश होने के बाद ही खुलेगा ताला चीन से अाने वाले उत्पादों पर लगे अधिक टैक्स एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा कहते हैं कि देश की जीडीपी में एमएसएमई का योगदान 18 फीसदी है। सरकार को इस पर भी ध्यान देना होगा। छोटे उद्योग को बढ़ाए बिना देश का विकास संभव नहीं है। वहीं, एनईए के अध्यक्ष विपिन मल्हन कहते हैं कि नोटबंदी और जीएसटी की मार से जार-जार हुए उद्योगों को भी राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सर्विस इंडस्ट्रीज को अब 50 लाख रुपये की सीमा तक छूट मिलनी चाहिए। यह अभी 20 लाख रुपये है। सरकार को एमएसएमई पर भी खास गौर करना चाहिए। इसके लिए चीन से अाने वाले उत्पाद पर अतिरिक्त टैक्स लगाना चाहिए, जिससे देश की छोटी इंडस्ट्रीज को भी राहत मिले और प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया का नारा भी सार्थक हो सके।
आम बजट 2018: जूता उद्यमियों को अरुण जेटली से हैं ये 10 बड़ी उम्मीदें जीएसटी को लेकर दिया यह सुझाव एनईए के महासचिव वीके सेठ कहते हैं कि जीएसटी में अभी टैक्स के चार स्लैब हैं, उन्हें मर्ज कर एक किया जाना चाहिए। वह कहते हैं कि जीएसटी से अधिक परेशानी सिस्टम से है। उसका सारा काम एंटरप्रिन्योर्स पर ही पड़ रहा है। एचके गौतम कहते हैं कि महंगाई पर काबू पाने के लिए टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव बेहद जरूरी है।